2017-04-04 15:36:00

येसु के क्रूस में सच्ची मानव मुक्ति


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 4 अप्रैल 2017 (वीआर सेदोक): ″मुक्ति मात्र उस क्रूस से आती है जिसमें शरीरधारी ईश पुत्र चढ़ाये गये थे।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार 4 अप्रैल को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग प्रवचन में कही।

उन्होंने कहा, ″विचारों में कोई मुक्ति नहीं होती, न ही अच्छी कामनाओं में और अच्छा बनने की अभिलाषाओं में।″ उन्होंने कहा कि मुक्ति केवल क्रूसित येसु में है क्योंकि वे ही हैं जो कांसे के साँप के समान, पाप के हर विष को अपने में ले तथा चंगाई प्रदान कर सकते हैं।

संत पापा ने विश्वासियों से प्रश्न करते हुए कहा किन्तु हमारे लिए क्रूस क्या है? उन्होंने स्वयं उत्तर देते हुए कहा कि यह ख्रीस्तीय होने की निशानी है। हम क्रूस का चिन्ह इसलिए बनाते हैं क्योंकि हम क्रूस पर विश्वास करते हैं किन्तु कुछ लोगों के लिए यह बैज के समान है। हम में से कई क्रूस यह दिखाने के लिए पहनते हैं कि हम ख्रीस्तीय हैं, यह सही है किन्तु यह किसी दल के चिन्ह मात्र के समान नहीं है वरन इस बात का स्मृति चिन्ह है कि पाप ने ऐसा किया है।    

संत पापा ने कहा कि ईश्वर ने मूसा से कहा, ″जो सांप की ओर नजर उठायेगा वह चंगा हो जायेगा।″ येसु अपने शत्रुओं से कहते हैं, जब तुम मानव पुत्र को ऊपर उठाओगे तो जान जाओगे। जो विश्वास के साथ क्रूस की ओर नहीं देखेगा वह अपने पापों के कारण मर जायेगा वह मुक्ति प्राप्त नहीं करेगा। 

संत पापा ने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा कि आज कलीसिया क्रूस के इस रहस्य के साथ संवाद करने का प्रस्ताव रखती है, उस ईश्वर से जो हमारे पाप के कारण क्रूस उठाया जिसको हम कह सकते हैं कि उन्होंने हमारे प्रेम के कारण यह सब किया।

संत पापा ने चिंतन करने की सलाह देते हुए कहा कि मैं उसे किस तरह लेता हूँ क्या एक स्मारक की तरह? जब मैं क्रूस का चिन्ह बनाता तो क्या मैं सचेत हूँ कि मैं क्या कर रहा हूँ? क्या मैं उसे मात्र एक धार्मिक चिन्ह के रूप में धारण करता हूँ? क्या कीमती पत्थरों एवं सोना जड़े एक श्रृंगार के रूप में पहनता हूँ? उन्होंने कहा कि हम क्रूस की ओर देखें, उस ईश्वर की ओर जो पाप बन गये ताकि हम हमारे पापों में न मर जायें तथा उन्होंने हमारे उन सभी सवालों का जवाब दिया जिनको हमें देना था। 








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