2017-04-01 16:17:00

तीर्थस्थलों की जिम्मेदारी में परिवर्तन


वाटिकन सिटी, शनिवार, 1 अप्रील 2017 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 1 अप्रील को “मोतू प्रोप्रियो” अर्थात् स्वप्रेरणा से रचित पत्र की घोषणा कर, विश्वभर के काथलिक तीर्थस्थलों एवं पवित्र स्थानों के निर्माण, देखरेख एवं प्रशासन की सामान्य जिम्मेदारी को नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति को हस्तांतरित किया।

सन्त पापा फ्राँसिस के “मोतू प्रोप्रियो”″संक्तवारियुम एक्लेसिया″ के अनुसार कलीसिया के तीर्थस्थलों और पुण्य स्थानों के विकास, उनकी देखरेख तथा सुरक्षा की प्रेरिताई पर याजकों के लिए बनी परमधर्मपीठीय समिति का दायित्व समाप्त हो जायेगा तथा यह कार्य नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति को हस्तांतरित किया जाएगा जिन्हें संत पापा हमारे समय में सुसमाचार प्रचार हेतु अत्यावश्यक स्थल मानते हैं।

अब नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति ही सीधे तरीके से अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थलों की स्थापना, प्रतिमाओं के प्रतिस्थापन, साथ ही साथ कलीसिया एवं विश्वासियों के जीवन में पवित्र स्थानों की भूमिका को बढ़ावा देने के उपायों के अध्ययन और कार्यान्वयन के लिए तथा धार्मिक स्थलों की विकास योजना को बढ़ावा देने और तीर्थस्थल के आंगिक प्रेरितिक योजना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों आयोजनों एवं तीर्थयात्रियों के नवीकरण को बढ़ावा देने हेतु तीर्थस्थलों और धार्मिक कार्यों को प्रोत्साहन देने हेतु उत्तरदायी होगी।

साथ ही साथ, वह तीर्थस्थलों की देखभाल करने वालों एवं उसके समर्थकों के प्रशिक्षण के लिए भी उत्तरदायी होगी ताकि तीर्थस्थल की संस्कृति एवं कलात्मक तरक्की को बरकारार रखा जा सके।  








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