2017-03-21 15:37:00

″माफी पाना और माफी देना एक रहस्य है,″ संत पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 21 मार्च 2017 (सेदोक) : ″माफी पाना और माफी देना, यह एक रहस्य है जिसे समझ पाना कठिन है। इसके लिए प्रार्थना, पश्चताप और पापों के लिए शर्मिंदगी महसूस करने की जरुरत है।″ उक्त बातें संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार, 21 मार्च को अपने प्रेरितिक निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में प्रातःकालीन ख्रीस्तयाग समारोह के दौरान कही।

संत पापा ने सुसमाचार के पाठ पर मनन चिंतन करते हुए कहा, आज कलीसिया हमें ईश्वर की महती दया को समझने के लिए आमंत्रित करती है। हमें ईश्वर की दया का अनुभव करना चाहिए। उसकी दयालुता को हम पापस्वीकार पीठिका में पछतावा का दिखावा करने से पा नहीं सकते हैं।

पापों से क्षमा पाना एक रहस्य है इसे समझना बहुत कठिन है। अपने पापों के लिए शर्मिंदा होना पाप क्षमा के पहला कदम है। यह एक कृपा है जिसे हम अकेले हासिल नहीं कर सकते। आज के पहले पाठ में नबी दानिएल ने बताया कि ईश्वर की प्रजा अपने पापों के लिए बहुत ही दुःखी और शर्मिंदा थी।

संत पापा ने कहा आज के सुसमाचार में मालिक ने अपने नौकर के बड़े ऋण को माफ कर दिया पर उसी नौकर को जब माफ करने की बारी आयी तो वह अपने सह-नौकर के छोटे से ऋण को भी माफ करने में असमर्थ था। वह माफ के रहस्य को नहीं समझ पाया था।

संत पापा ने कहा कि हम सब पापी हैं पाप क्षमा पाने के लिए हम पुरोहित के पास जाते हैं। अपने पापों को बताते है। पुरोहित ह्वारा दिये गये दंडमोचन की प्रार्थना करते हैं और शांति से वापस चले आते हैं। यदि हम अपनी गलती से छुटकारा पाने के लिए और कलीसिया के नियम को पूरा करने के लिए पापस्वीकार करने जाते हैं तो सही मायने में हम पाप क्षमा के रहस्य को नहीं समझ पाये हैं। इसके लिए हमें अपने पापों के लिए दिल से शर्मिंदा होने की जरुरत है और यह ईश्वरीय कृपा है। पापस्वीकार पीठिका में पछतावे का नकाब पहन कर ईश्वरीय कृपा की चोरी नहीं कर सकते।

संत पापा ने प्रवचन के अंत में प्रभु से ″सात गुणा सत्तर बार″ माफी मांगने और देने के रहस्य को समझने और उसे अपने दैनिक जीवन में उतारने की कृपा तथा पापों के लिए शर्मिंदा होने की कृपा पाने के लिए प्रार्थना की।  








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