2017-03-20 16:10:00

चालीसा येसु से मिलने का उपयुक्त समय, संत पापा


वाटिकन रेडियो, सोमवार, 20 मार्च 2017 ( सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने 19 मार्च को अपने  रविवारीय देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में जमा हुए हजारों विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा,

प्रिय भाई एवं बहनो, सुप्रभात,

चालीसा काल के तीसरे रविवार का सुसमाचार हमारे लिए येसु और समारी स्त्री के बीच हुए वार्तालाप को प्रस्तुत करता है। (यो.4. 5-42) उनकी मुलाकात येसु का समारिया जाने के क्रम में यहुदिया और गलीलिया के मध्य हुई, जो समारियों का गढ़ था जिन्हें यहूदी विवादित और विधर्मी समझते थे। येसु के चेले जब भोजन की तलाश में नगर गये हुए थे येसु याकूब के कुआं के पास विश्राम करने हेतु बैठे जाते और समारी स्त्री से पानी पिलाने हेतु आग्रह करते हैं जो पानी भरने के लिए कुआं के पास आती है। येसु के इस निवदेन से उनकी वार्तालाप शुरूआत होती है। नारी येसु से कहती है, “आप यहूदी हो कर एक समारी से पानी की माँगते हैं?” इस पर येसु उनसे कहते हैं, “यदि तुम यह जानती कि जो पानी की माँग कर रहा वह कौन है तो तुम उनसे पानी मांगती और वह तुम्हें “जीवन का जल” देता। वह जल जो जीवन का स्रोत बनता, जो अनन्त जीवन के लिए उमड़ता रहता है।”

संत पापा ने कहा कि कुआं के पास जाकर पानी भर लाना थकान देह और उबाऊ होता है। इससे अच्छा तो यह होता कि कोई खुला स्रोत होता। येसु यहाँ एक दूसरे जल की चर्चा करते हैं। जब उस स्त्री को इस बात की अनुभूति होती है कि येसु एक नबी हैं तो वह उन पर भरोसा करते हुए धार्मिक सवाल-जवाब करती है। जीवन की परिपूर्णता और प्रेम की चाह उस नारी को पाँच पतियों के द्वारा भी नहीं मिलती और वह अपने में भ्रम और धोखा का अनुभव करती है। इस तरह येसु से बातें करते हुए वह बहुत अधिक प्रभावित होती है क्योंकि वे उसे सम्मान की नज़रों से देखते हैं। येसु के वचनों में विश्वास की बातों को सुनते हुए उसे इस बात का एहसास होता है कि वे मसीह हैं। येसु स्वयं उसे अपने बारे में बतलाये हैं, “मैं ईश्वर के द्वारा प्रेषित वही हूँ जो तुम से बातें कर रहता हूँ।” येसु नारी को उसके विखंडित जीवन के बारे में बतलाते हैं।

प्रिय भाइयो एवं बहनो, संत पापा ने कहा कि जो जल हमें अनंत जीवन प्रदान करता है वह हमारे हृदयों में हमारे बपतिस्मा संस्कार के दौरान उड़ेला गया है जिसके द्वारा हम अपने जीवन में परिवर्तित और ईश्वरीय कृपादानों से भर दिये जाते हैं। लेकिन शायद हम अपने जीवन में ईश्वर को भूल कर अपनी प्यास बुझाने हेतु कुएं की तलाश में लगे हुए हैं, जो हमारी प्यास को नहीं बुझाती है। जब हम सच्चे पानी को भूल कर दूसरे पानी की खोज में लग जाते हैं तो हमें गंदा पानी ही मिलता है। संत पापा ने कहा कि सुसमाचार का यह अंश उस समारी स्त्री के लिए ही नहीं वरन हम सभों के लिए भी है। येसु हम सभों से समारी नारी कि तरह ही वार्ता करते हैं। हम सभी इससे अवगत हैं लेकिन साक्षात रुप में हमने येसु से मुलाकात नहीं की है। हम सभी जानते हैं कि येसु हमारे लिए कौन हैं, वे हमसे प्रति दिन बातें करते हैं फिर भी हम उन्हें अपने जीवन में अपने मुक्तिदाता के रूप में नहीं पहचानते हैं। चालीसा का काल हमारे लिए एक उपयुक्त समय है जहाँ हम अपनी प्रार्थनाओं में उनके साथ अपने हृदय में बातें करते हैं। हम उनके साथ बातें करें, उनकी सुनें। यह उचित समय है जहाँ हम उन्हें अपने दुःखित और पीड़ित भाई बहनों के जीवन, उनके चेहरे में देख सकते हैं। ऐसा करते हुए हम अपने बपतिस्मा में मिली कृपाओं को अपने जीवन में नवीकृत करते, जहाँ पवित्र आत्मा ईश वचनों के रुप में हमारी प्यास को मिटाते हैं और हम ईश्वरीय खुशी का एहसास करते हुए मेल-मिलाप और शांति के शिल्पकार बनते हैं।

माता मरियम हमारी मदद करें जिससे हम सदैव कृपा की दशा में रहें और येसु ख्रीस्त हमारे  मुक्तिदाता रूपी चट्टान से जीवन का जल ग्रहण कर सकें, जो हमें अपने विश्वास का साक्ष्य ईश्वरीय आनन्द और खुशी में घोषित करने को प्रेरित करते हैं। 

इतना कहने के बाद संत पापा ने विश्वासी समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया और उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने पेरू में आये विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित लोगों की याद की और मृतकों के प्रति अपना सामीप्य प्रकट किया। और अंतः में उन्होंने सभी तीर्थयात्रियों और विश्वासियों का अभिवादन किया और अपने लिए प्रार्थना की याचना करते हुए सभों को रविवारीय मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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