2017-03-14 11:17:00

ख्रीस्त का अनुसरण सन्त पापा फ्राँसिस के मिशन का स्रोत, लोस्सरवातोरे रोमानो


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 14 मार्च 2017 (सेदोक): प्रभु येसु मसीह का अनुसरण सन्त पापा फ्राँसिस के मिशन का स्रोत रहा है।

13 मार्च को सन्त पापा फ्राँसिस के परमाध्यक्षीय काल की चौथी वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में वाटिकन  के अनाधिकारिक समाचार पत्र लोस्सरवातोरे रोमानो ने आर्जेनटीना के लिये एक विशिष्ट संस्करण तैयार किया है। इस संस्करण में प्रकाशित लेखों में इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित कराया गया है कि सन्त पापा फ्राँसिस के परमाध्यक्षीय काल के दौरान सम्पादित कार्यों के समझने के लिये यह समझना आवश्यक है कि येसु ख्रीस्त का अनुसरण ही उनके मिशन का स्रोत रहा है। 

लोस्सरवातोरे रोमानो के विशिष्ट संस्करण में कहा गया कि सुसमाचारी दया और करुणा को विश्व में प्रसारित करने के लिये सन्त पापा फ्राँसिस ने करुणा को समर्पित जयन्ती मनाये जाने की घोषणा की थी ताकि दया की आशा करनेवाली मानवजाति सुसमाचार की सान्तवना और आनन्द से परिपूर्ण हो सके। इसी के तहत सन्त पापा ने किसी के भी बहिष्कार से इनकार किया तथा युद्धग्रस्त क्षेत्रों से आनेवाले आप्रवासियों एवं शरणार्थियों के स्वागत हेतु अपनी आवाज़ बुलन्द की।

सन्त पापा फ्राँसिस ने अपने मिशन के आरम्भ से ही महिलाओं की भूमिका पर ज़ोर दिया तथा परिवार एवं समाज में मातृत्व के महत्व को प्रकाशित किया। कलीसिया एवं समाज में महिलाओं की मूल्यवान भूमिका पर ध्यान आकर्षित कराने के लिये उन्होंने मरियम मग्दलेना के पर्व को भी वही धर्मविधिक सम्मान प्रदान किया जो येसु के प्रेरितों को प्राप्त है।

वाटिकन समाचार पत्र के इस विशिष्ट संस्करण में विभिन्न लेखकों के लेखों को प्रकाशित किया गया है जिनमें प्रमुख हैं, मारचेलो फिगुरोआ, सान्तियागो कोवादोल्फ तथा ग्वेनेल मौरी। सान्तियागो कोवादोल्फ लिखते हैं कि सन्त पापा फ्राँसिस में विश्व को एक ऐसा नेता मिला है जिसकी उसे प्रतीक्षा नहीं थी। उन्होंने लिखा, "सन्त पापा ऐसे क्राँन्तिकारी नेता हैं जिन्होंने विश्व को निर्धनता का वास्तविक मर्म समझाया है तथा निर्धनों की सहायता हेतु लोगों में चेतना जाग्रत की है। उन्होंने समाज के परिसरों को अपना केन्द्र बनाया तथा निर्धन से निर्धनतम लोगों की व्यथा पर विश्व का ध्यान आकर्षित कराया है और इसी क्रम में उन्होंने कलीसिया में एवं उसकी गतिविधियों में अपरिहार्य परिवर्तन किये हैं।"








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