2017-03-07 11:42:00

प्रेरक मोतीः सन्त पेरपेतुआ एवं सन्त फेलिसिटी (तीसरी शताब्दी के शहीद)


वाटिकन सिटी, 07 मार्च सन् 2017:

पेरपेतुआ और फेलीसिटी ख्रीस्तीय धर्म की दो शहीद महिलाएँ हैं जिन्होंने अपने विश्वास के ख़ातिर 07 मार्च, सन् 203 ई. को अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। सन् 181 ई. में जन्मी पेरपेतुआ, शाही घराने की, 22 वर्षीया विवाहित महिला थीं जिनकी एक दुधमुँही सन्तान भी थी। फेलीसिटी, पेरपेतुआ की एक युवा दासी थी तथा शहादत के समय गर्भवती थी। इन दोनों महिलाओं को अफ्रीका के रोमी प्रान्त कारथेज में अत्यधिक उत्पीड़ित किया गया था।

सम्राट सेप्तिमियुस सेवेरुस के शासन काल में प्रभु येसु ख्रीस्त के अनुयायियों पर बहुत अधिक अत्याचार किया गया जो सन् 203 ई. में अपने चरम पर पहुँच गया। कई नवदीक्षार्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया तथा उन्हें ख्रीस्तीय धर्म के परित्याग हेतु बाध्य किया गया। कठोर यातनाओं के बावजूद पेरपेतुआ तथा उनकी दासी फेलीसिटी ने ख्रीस्तीय विश्वास का परित्याग नहीं किया और इसी कारण 07 मार्च, सन् 203 ई. को उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। शहीद सन्त पेरपेतुआ और फेलीसिटी का पर्व 07 मार्च को मनाया जाता है।

चिन्तनः कठिन परिस्थितियों के बावजूद प्रभु येसु ख्रीस्त में हमारा विश्वास कभी कमज़ोर न पड़े। "धन्य है वह मनुष्य जो सदा प्रभु पर श्रद्धा रखता है। जो सन्मार्ग पर चलता, वह सुरक्षित है। जो कुमार्ग पर चलता वह अचानक गड्ढे में गिरेगा जबकि ईमानदार को प्रचुर आशीर्वाद प्राप्त होगा" (सूक्ति ग्रन्थ, 28: 14, 18, 20)। 








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