2017-03-07 14:47:00

डॉन बोस्को फिल्म समारोह में फिल्म 'सावट' को मिला प्रथम पुरस्कार


मुम्बई, मंगलवार, 7 मार्च 2017 (उकान) : स्वप्निल राजाशेखर की फिल्म 'सावट' को डॉन बॉस्को युवा फिल्म समारोह (डीबीवायएफएफआई) 2017 का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिला। सलेसियन प्राचार्य फादर ऐंजल फर्नानडीस आर्टिम ने 4 मार्च को चेन्नई में पुरस्कार प्रदान किया।

डॉन बॉस्को युवा फिल्म समारोह का आयोजन दक्षिण एशिया के सलेसियन प्रांतीय सम्मेलन के साथ दक्षिण एशिया के डॉन बॉस्को संचार ने की थी। इन लघु फिल्मों के माध्यम से एक अद्वितीय प्रयास के साथ उभरते फिल्म निर्माताओं ने युवाओं की आकांक्षाओं, चुनौतियों, संघर्षों उनके विचारों और चिंताओं को प्रदर्शित किया है।

19 राज्यों के 100 स्थानों में नेटवर्किंग द्वारा लाखों युवाओं तक पहुँचने की व्यवस्था की गई थी। फिल्म समारोह प्रतियोगिता में भारत के 24 राज्यों से 248 लधु फिल्मों ने भाग लिया, जिसमें से प्रारंभिक जूरी समिति ने स्क्रीनिंग के लिए 24 लघु फिल्मों का चयन किया। अंतिम जूरी पैनल ने सर्वश्रेष्ठ 3 फिल्मों का चयन किया, और विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत 10 छोटी फिल्मों को भी चुना।

फिल्म उत्सव के निदेशक फादर हरीश पाक्काम ने कहा कि इसे बहुत बड़ी सफलता मिली और इसके माध्यम पूरे देश के लगभग 5 लाख युवाओं तक पहुंच पाये। फिल्मों का उद्देश्य सामाजिक परिवर्तन के लिए युवाओं को प्रेरित करना था।

फिल्म उत्सव की विषय वस्तु थी, ″सकारात्मक और प्रेरणात्मक रुप में युवाओं की भावनाओं का उत्सव,″ युवा लोगों की कहानियां जो चुनौतियों का सामना करते हैं और साहस के साथ जीवन में संघर्ष करते हैं।

प्रथम पुरस्कार प्राप्त फिल्म ‘सावट’ 24 मिनट की है जिसमें भारत की एक ग्रामीन बालिका के जोखिमों को दर्शाया गया है आज भी साक्षर बनने के लिए उसे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसमें बलात्कार की घटनाओं से पीड़ितों के मानसिक प्रभाव को प्रदर्शित किया गया है।

दूसरा पुरस्कार फिल्म ‘पायवत’ के निर्देशक मिथुनचंद्र चौधरी को मिला। इस फिल्म में एक भूमिहीन मजदूर की आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद अपनी बेटी की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित की गई है।

तीसरा पुरस्कार करुणाकरण सी. के ‘बैकबोन’ को मिली। रामचंद्र गांवकर की फिल्म 'सेल्फीज' सर्वश्रेष्ठ कहानी का पुरस्कार जीता।








All the contents on this site are copyrighted ©.