2017-02-27 16:01:00

ईश्वरीय इच्छा की पूर्ति में हमारी इच्छाओं की पूर्ति


वाटिकन रेडियो, सोमवार, 27 फरवरी 2017 ( सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने 26 फरवरी को अपने  रविवारीय देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में जमा हुए हजारों विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा,

प्रिय भाई एवं बहनो,

सुप्रभात,

आज का सुसमाचार हमें ईश्वर में अटूट विश्वास करने का आहृवान करता है। संत पापा ने जोर देते हुए कहा कि हम यह न भूलें की ईश्वर जिन पर हम अपनी आस्था और विश्वास रखते हैं, पृथ्वी की सारी चीजों की देख-रेख करते हैं। वे सभी जीव जन्तुओं को खिलते और खेतों के फूलों और घास-फूस की भी चिंता करते हैं। ईश्वर की कृपा सदैव हम सभों पर बनी रहती है जिसके द्वारा हमारा जीवन सुव्यवस्थित रहता है। लेकिन यह हमारी व्यर्थ की चिंता है जो हमारे जीवन को बोझिल बना देती है अतः येसु हम से निरंतर आग्रह करते हुए कहते हैं कि हम कल की चिंता न करें, क्योंकि यह पिता का प्रेम है जिसके द्वारा वे अपने बच्चों को कभी नहीं भूलते हैं। संत पापा ने कहा कि ईश्वर पर हमारा विश्वास हमारे जीवन की मुसीबतों का समाधान चमत्कारिक रुप से नहीं करता लेकिन हम उन कठिनाइयों का सामना सही मनोभावना में साहसिक रुप से करते हैं। हम अपने जीवन में साहसिक बने रहते हैं क्योंकि हम अपने को ईश्वर पर आधारित रखते जो हमारे जीवन की सभी चीजों की देखभाल करते हैं।

ईश्वर हम से दूर और गुमनाम नहीं हैं वरन वे हमारे आश्रय, हमारे जीवन में एकता और शांति के स्रोत हैं। वे हमारी मुक्ति की कठोर चट्टान हैं जिस पर हम हमेशा अडिग बने रह सकते हैं क्योंकि वे हमें कभी हताश होने नहीं करते हैं। वे जो ईश्वर पर अटूट विश्वास और भरोसा करते हैं वे अपने जीवन में कभी निराश नहीं होते हैं। ईश्वर हमारे सच्चे मित्र, हमसफर, पिता के समान हैं लेकिन हम बहुधा इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं। हम इस बात का अनुभव नहीं करते हैं कि कोई हमारा अति विश्वासी मित्र, सहयोगी, पिता हैं जो सदैव हमें प्रेम करते हैं। इसके विपरीत हम बहुधा अपने को अपनी धन संपत्ति और उन चीजों पर आधारित कर लेते जिन्हें हम देखते और अपनी हाथों से स्पर्श करते हैं। इस तरह ईश्वर की सर्वशक्तिमत्ता को अस्वीकार करते हुए हम उनके पितातुल्य अच्छाई को भूल जाते हैं। आज दुनिया की अनाथमय स्थिति में हमें ईश्वर पिता को सुनने की अति जरूरत है। संत पापा ने कहा कि जब हम दुनिया की धन-दौलत और चीजों के प्रति आसक्त हो जाते तो हम अपने को ईश्वर के प्रेम से दूर कर लेते हैं।

येसु हमें कहते हैं कि मानव जीवन की चाह एक मरीचिका और जीवन में उदासी का कारण बनती है। वे अपने शिष्यों को जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण नियम देते हैं, “सर्वप्रथम ईश्वर के राज्य की खोज करो।” (मत्ती.6. 33) यह हमें अपने जीवन में ईश्वर पर विश्वास करते हुए जो हमें कभी निराशा नहीं होने देते अपनी इच्छा पूरी करने का आहृवान करते हैं, जिसे येसु अपने पर्वत प्रवचन में हमारे समक्ष रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में हमारे बहुत से मित्रों ने हमें निराश किया है लेकिन ईश्वर हमें निराशा नहीं करते हैं। हम अपने जीवन में ईश्वर प्रदत्त उपहारों का उपयोग इस भांति करते हैं मानो जीवन की मुक्ति हमारे ऊपर ही निर्भर करती हो। सुसमाचार के ये मनोभाव हमें अपने जीवन में एक उचित चुनाव करने को कहते हैं विशेषकर, “तुम ईश्वर और धन की पूजा नहीं कर सकते।” (मत्ती.6. 24) हमारा यह चुनाव जीवन की अन्य बातों, कार्यक्रमों और हमारे समर्पणों को प्रभावित करती है। ईश्वर के मार्ग का चुनाव करते हुए हमें अपने प्रतिदिन के जीवन में इससे नवीकृत करने की आवश्यकता है क्योंकि दुनिया की परीक्षाएं धन, सुख और शक्ति हमें इस चुनाव से दूर ले जाने को सदा प्रयत्नशील रहती हैं।

ईश्वर और उनके राज्य का चुनाव हमारे लिए अतिशीघ्र फलप्रद नहीं होता है। यह एक निर्णय है जिसका चुनाव हम आशा में बने रहते हुए करते हैं जिसकी पूर्ति ईश्वर अपने अनुरूप करते हैं। संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय बुलाहट भविष्य में ईश्वरीय प्रतिज्ञाओं की परिपूर्णता का द्वंद्व है जो कठिनाइयों में भी अवरुद्ध नहीं होती क्योंकि हम ईश्वर के प्रति विश्वस्त बने रहते और इस विश्वास के कारण वे हमें कभी असफल होने नहीं देते हैं। यह हमारे लिए सत्य है कि वे हमारे लिए विश्वासी पिता, निष्ठावान मित्र और सहयोगी हैं।

माता मरियम हमें स्वर्गीय पिता के प्रेम और अच्छाई में विश्वास करने में सहायता करे जिससे हम उनमें और उनके साथ निवास कर सकें। जीवन की विषमताओं का सामना करने हेतु यह हमारे लिए जरूरी है और इसका साक्ष्य हमारे असंख्य भाई-बहनों ने अपने जीवन के द्वारा हमें दिया है।

इतना कहने के बाद संत पापा ने विश्वासी समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया और उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया। देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया और अपने लिए प्रार्थना का विनय पूर्ण निवेदन करते हुए सभों को रविवारीय मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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