2017-02-16 15:26:00

लोकलुभावनवाद के उद्भव पर परमधर्मपीठ चिंतित


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 16 फरवरी 2017 (वीआर सेदोक): वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने मंगलवार को कहा कि परमधर्मपीठ लोकलुभावनवाद के उद्भव पर ‘चिंतित’ हैं।

वाटिकन राज्य सचिव ने इताली राजदूतावास पर वार्षिक शिखर सम्मेलन में इटली के राष्ट्रपति सेरजो मत्तारेल्ला तथा प्रधानमंत्री पौलो जेनतिलोनी एवं अन्य अधिकारियों से मुलाकात की जो सन् 1929 में हुए इटली और परमधर्मपीठ के बीच लातेरन समझौते की याद दिलाती है।  

कार्डिनल ने वक्तव्य में कहा, ″अपने आप में बंद हो जाना, कभी भी एक अच्छा सिद्धांत नहीं हो सकता।″ स्वागत करने और एकीकृत होने की असमर्थता खतरनाक हो सकता है जैसा कि इतिहास हमें सिखलाता है तथा हम उम्मीद करते हैं कि यह फिर न दुहराया जाए।″ 

उन्होंने कहा कि सन् 1957 ई. में रोम की संधि पर हस्ताक्षर की 60वीं वर्षगाँठ के पूर्व यूरोपीय परियोजनाओं को पुनः शुरू किया जाना चाहिए जिसने यूरोपीय संघ के अग्रदूत, यूरोपीय आर्थिक समुदाय को जन्म दिया है।

यूरोपीय संघ छोड़ने हेतु ग्रेट ब्रिटेन द्वारा मतदान, साथ ही, अन्य देशों में संदेहवादी दलों का उदय, यूरोपीय संघ के भीतर एक संकट पैदा कर दिया गया है।

वाटिकन राज्य सचिव का कहना था कि, ″यह स्पष्ट है कि यहाँ कई तरह के तनाव और कठिनाईयाँ हैं किन्तु वे भी एक नए आधार पर राजनीतिक संबंध पुनर्स्थापित करने के लिए उपयुक्त समय हो सकते हैं।″

उन्होंने पत्रकारों को बतलाया कि दोनों पक्षों ने इटली में सामाजिक मुद्दों पर चर्चा कीं, खासकर, विस्थापन, बेरोजगारी तथा युवाओं पर।








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