2017-02-13 16:41:00

ईर्ष्या भ्रातृत्व को नष्ट कर देता है, उसे तुरन्त विराम दें


वाटिकन सिटी, सोमवार, 13 फरवरी 2017 (वीआर सेदोक): परिवार एवं लोगों का विनाश क्षुद्र ईर्ष्या और जलन की भावना द्वारा होता है जिसे शुरू में ही रोक देना चाहिए। नाराजगी भाईचारे की भावना को नष्ट कर देती है। यह बात संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए कही।

भ्रातृत्व छोटी-छोटी चीजों द्वारा नष्ट हो जाती है

प्रवचन में संत पापा ने उत्पति ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जो काईन और हाबिल की चर्चा करता है। उन्होंने कहा कि बाईबिल में पहली बार भाई शब्द का प्रयोग किया गया है तथा इस कहानी में भ्रातृत्व का भाव बढ़ता, सुन्दर प्रतीत होता किन्तु अंत में नष्ट कर दिया जाता है। उन्होंने कहा, ″कहानी की शुरूआत ईर्ष्या से शुरू होती है। काईन क्रोध में है क्योंकि उसके बलिदान द्वारा ईश्वर खुश नहीं हुए। उसके अंदर क्रोध की भावना बढ़ने लगी। वह उसे रोक सकता था किन्तु उसे नहीं रोका। काईन ने उसे बढ़ने दिया। इस भावना के पीछे पाप छिपा था जिसने भाई के प्रति शत्रुता उत्पन्न की। यह जलन और ईर्ष्या जैसी क्षुद्र चीज से शुरू हुई तथा बढ़ती गयी जिसने भाई-भाई के संबंध को तोड़ दिया और उसे नष्ट कर डाला।

क्रोध की भावना ख्रीस्तीयता नहीं है

क्रोध के द्वारा शत्रुता बढ़ती है और जिसका अंत दुखद होता है। इसके द्वारा भाई-भाई नहीं रह जाता, वह दुश्मन प्रतीत होता है जिसको समाप्त करने की इच्छा होती है।

संत पापा ने कहा, ″इस प्रकार शत्रुता परिवार और लोगों को नष्ट कर देता है। काईन के साथ यही हुआ। उसने क्रोध के कारण हाबिल को भाई के रूप में नहीं देख सका। अतः क्रोध ख्रीस्तीय भावना नहीं है। दुख जरूर होता है किन्तु उसे क्रोध में बदलने नहीं देना चाहिए।

भूमि से बहुत सारे लोगों के रक्त ईश्वर को पुकार रहे हैं

संत पापा ने ख्रीस्तयाग में उपस्थित विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा कि हम पुरोहितों एवं धर्माध्यक्षों के बीच भी कितना विभाजन है जो आपसी भाईचारा की भावना को नष्ट करता है। उन्होंने कहा कि हम में से किसी ने किसी की हत्या नहीं की होगी किन्तु यदि हमारे मन में भाई-बहनों के प्रति बुरी भावना है तब हमने उन्हें मार डाला। जब हम उनका अपमान करते हैं हम उन्हें अपने हृदय में मार देते हैं। हत्या करना एक प्रक्रिया है जिसकी शुरूआत छोटी चीज से होती है। 

संत पापा ने अधिकारियों की असंवेदनशीलता पर खेद जताते हुए कहा कि वे अपने को किसी दूसरे क्षेत्र से जोड़ सकते हैं, बम फूटने और 200 बच्चों के मारे जाने पर बम की गलती बता कर अपने को है। इस तरह की भावना हमें असंवेदनशील बनाती है।

भाषा जो दूसरों को मार डालती है

संत पापा ने प्रार्थना की कि ईश्वर हमें उस सवाल को बार-बार दुहराने में मदद करे, ″तुम्हारा भाई कहाँ है? हमें उन लोगों के बारे सोचने में मदद करे जो जीभ से नष्ट करते तथा दुनिया में वस्तुओं के समान प्रयोग किये जाते हैं क्योंकि भूमि का एक छोटा टुकड़ा भाई-भाई के संबंध से अधिक महत्वपूर्ण समझा जाता है।″








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