2017-02-11 15:31:00

परित्यक्त बच्चों के प्रति समर्पित: भेदभाव के खिलाफ एधी फाउंडेशन


लाहौर, शनिवार, 11 फरवरी 2017 (एशियान्यूज़): एधी फाउंडेशन पाकिस्तान का सबसे बड़ा परोपकारी संगठन है जिसकी स्थापना ‘पाकिस्तान की मदर तेरेसा’ कहे जाने वाले अब्दुल सत्तार एधी ने की है।

एशियान्यूज़ के अनुसार पिछले साल एधी फाउंडेशन के एम्बुलेंस द्वारा पंजाब के 67,000 रोगियों को मुफ्त में अस्पताल पहुँचाया गया था जबकि 994 लाशों को घर एवं 296 अज्ञात शवों को अंतिम संस्कार हेतु पहुँचाया गया था।    

सबसे बढ़कर यह न्यास परित्यक्त बच्चों, ड्रग व्यसनी, वरिष्ठ नागरिकों, और ग़रीबों के लिए 2,025 केंद्रों को चलाती है। 

एधी के संस्थापक अब्दुल सत्तार एधी पाकिस्तान के एक अत्यन्त लोकप्रिय व्यक्ति हैं। उनके पुत्र ने मदर तेरेसा की संत घोषणा के पूर्व एशियान्यूज़ द्वारा आयोजित संगोष्ठी को लिखा था, ″आज एधी फांउडेशन देश में एम्बुलेंस का सबसे बड़ा नेटवर्क चलाता है, उसके साथ ही, स्कूल, अस्पताल, अनाथालय, वृद्धाश्रम तथा आदतन नशीली पदार्थों का सेवन करने वालों के लिए पुनर्वास केंद्र की देखभाल करती है।″

न्यास ने जनवरी 2017 में ही लाहौर में नशीली पदार्थों के आदी, जरूरतमंद एवं घर छोड़ने वाले 278 लोगों का स्वागत किया है, 9,840 लोगों को मुक्त भोजन तथा 12,560 लोगों को चिकित्सा प्रदान किया है।

लाहौर में एधी फाँडेशन के अधिकारी ज़ामीर अहमद ने कहा, ″पाकिस्तान के मदर तेरेसा अपने आलोचकों से कहा करते थे ‘मेरा एम्बुलेन्स आपसे ज्यादा मानवीय है।’″ उन्होंने कहा, ″हमारे उलेमा राजनीति में अधिक रुचि लेते हैं जबकि एधी ने सभी धर्मों के लोगों की मदद की। हम उनके मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं उनके निधन के बाद किसी भी तरह की सेवा में कमी नहीं की गयी है।

कारितास लाहौर के महासचिव फा. फ्राँसिस गुलजार ने संस्था के कार्यों की सराहना की तथा पाकिस्तान सरकार से अपील की कि वह ऐसे प्रयासों को मदद एवं प्रोत्साहन प्रदान करे।  

एधी की प्रशंसा करते हुए फादर गुलजार ने एशियान्यूज़ से कहा, ″पाकिस्तान में गरीब बच्चों की मदद करने के कारण पूरा विश्व उन्हें जानता है। उन्होंने उन्हें पहचान और प्रतिष्ठा प्रदान की है। उग्रवाद और भेदभाव वाले हमारे समाज में ऐसे ही लोगों की आवश्यकता है।″ एधी से मुलाकात की याद करते हुए फादर ने कहा, ″मैं उनकी सादगी से बहुत प्रभावित हुआ, उन्होंने दो जोड़े कपड़े को हमेशा पहना तथा लोगों की दफन क्रिया पूरी की जबकि दूसरे शवों को छूते तक नहीं। मैं बम विस्फोट और आपदाओं के बीच काम करने वाले उनके बहादुर टीम की सराहना करता हूँ।    

जामीर अहमद ने कहा, ″हमारे केंद्रों में हम धार्मिक और राजनीतिक बातों की चर्चा को बढ़ावा नहीं देते हैं। हमारा एक मात्र कार्य है जरूरतमंद लोगों के लिए सहयोग की मांग करना और उनके लाभ हेतु कार्य करना। उन्होंने कहा, ″कई ख्रीस्तीय परिवार बच्चों को गोद लेने हेतु हमसे सम्पर्क करते हैं किन्तु हमारे पास गैर-मुसलमानों के लिए अनाथालय का अभाव है किन्तु काथलिक धर्मबहनों की मदद से उनकी भी सहायता की जाती है। हम ख्रीस्तीयों को मदर तेरेसा के माध्यम से जानते हैं तथा आशा करते हैं कि वे अधिक खुले हों।″  








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