2017-02-10 16:46:00

इतालवी धर्माध्क्षीय सेवा और स्वास्थ्य सम्मेलन को संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 10 फरवरी 2017 (सेदोक) संत पापा फ्रांसिस ने 25वीं विश्व रोगी दिवस के अवसर पर इटली के धर्माध्क्षीय सम्मेलन के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा दल के प्रतिभागियों को उनकी 20वीं वर्षगाँठ पर संबोधित करते हुए उनकी सेवा के कार्य हेतु शुक्रिया अदा किया।

उन्होंने कहा कि हम स्वास्थ्य विशेषज्ञों को उनके ज्ञान तथा सेवा की भावना से ओत-प्रोत होने हेतु ईश्वर का धन्यवाद करते हैं। उनके हाथ प्रतिदिन ईश्वर के रोगग्रस्त शरीर को स्पर्श करता है जो कि एक अति सम्मानजनक और गंभीर उत्तरदायित्व है। मैं उन सभी स्वयंसेवी सदस्यों का स्वागत करता हूँ जो उदारता पूर्वक मानवता विशेषकर ग़रीबों और जरूरतमंद लोगों की सेवा हेतु अपने को देते हैं।

इस ज्योति के बावजूद कुछ अँधेरा है जो हमारे बीमार भाई-बहनों के जीवन को प्रभावित करता है। हमें बुजुर्ग मरीजों की जो जटिल बीमारी के शिकार हैं विशेषकर मनोरोगियों की विशेष देख-भाल करने की जरूरत है। स्वास्थ्य का व्यावसायिक रूप संसाधनों की उपस्थिति के बावजूद लोगों को अवशिष्ट पदार्थ के रूप में उपयोग करता है। संसाधनों की उपयोगिता का अर्थ उनका उपयोग नैतिकता में मानव गरिमा को बनाये रखना है न कि अतिसंवेदनशील लोगों को दंडित करना।

संत पापा ने मानवीय सेवा के संदर्भ में इटली की कलीसिया के गौरवपूर्ण इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे मध्य बहुत से भले समारी हैं जो दुःखियों की सेवा हेतु अपने को तत्पर रखते हैं, आप जो यहाँ उपस्थित हैं इस बात का साक्ष्य समाज के लिए पेश करते हैं। मैं आप को प्रोत्साहन देता हूँ कि आप वर्तमान संदर्भ में संवेदनशील लोगों हेतु स्वास्थ्य संबंधी बातें जो कठिन जान पड़ती हैं, अपने विश्वास और आशा में प्रेमपूर्ण सेवा प्रदान करने से न हिचके। 

संत पापा ने कहा कि अस्पतालों से अधिक मरीज हमारे घरों हैं जो परित्यक्त लगते हैं। मैं आशा करते हूँ कि आप उनकी भी निरंतर भेंट करें जिससे वे अपने को समुदाय से जुड़ा हुआ अनुभव करें क्योंकि हमारी भेंट उनके लिए साहस का कारण बनती है। अपने इस कार्य के द्वारा हम उन्हें ईश्वर साहचर्य और प्रेम की अनुभूति प्रदान करते हैं। 








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