वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 9 फरवरी 2017 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने शिक्षण कार्य से संलग्न सभी काथलिकों के आग्रह किया है कि वे एकता और अधिक शांतिपूर्ण विश्व के निर्माता बनें।
बृहस्पतिवार को काथलिक शिक्षा के धर्मसंघ की आमसभा में भाग ले रहे प्रतिभागियों को सम्बोधित कर उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाएँ तभी सार्थक हो सकती हैं जब वे व्यक्ति के चरित्र निर्माण से जुड़ी हो। अतः उन्होंने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे युवाओं को एकजुट एवं अधिक शांति पूर्ण विश्व के निर्माता बनने में मदद करें।
उन्होंने स्मरण दिलाया कि अन्य शिक्षण संस्थाओं की अपेक्षा काथलिक शिक्षण संस्थाओं का कर्तव्य है कि वे क्षितिज प्रदान करें जो उत्कृष्टता के लिए खुला हो।
संत पापा ने यह कहते हुए वार्ता की संस्कृति की आवश्यकता पर जो दिया कि विश्व एक गाँव के समान बन चुका है जिसमें हरेक व्यक्ति मानवीय समुदाय का हिस्सा है तथा राष्ट्रीय परिवार में बेहतर भविष्य की आशा करता है। दुर्भाग्य से आज इसमें कई की हिंसा, गरीबी, शोषण, भेदभाव, हाशिये पर जीवन तथा स्वतंत्रता पर दबाव की स्थिति है जो फेंकने की संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है।
इस पृष्टभूमि पर काथलिक शिक्षण संस्थाओं को वार्ता के माध्यम बनने की आवश्यकता है। वार्ता सम्मान की सच्ची भावना, ईमानदारी से सुनने तथा किसी की पहचान को कम करने की कोशिश नहीं करने के द्वारा किया जा सकता है।
संत पापा ने शिक्षकों को सलाह दी कि वे युवा पीढ़ी को सुनें।
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