वाटिकन रेडियो, बुधवार, 8 फरवरी 2017 (सेदोक) : संत पापा फ्राँसिस ने रोहिंग्या लोगों के लिए प्रार्थना की अपील की जिनपर अत्याचार किया जा रहा है और वे अपने धरों से भागने के लिए बाध्य हो रहे हैं।
संत पापा फ्राँसिस ने संत पौल छटवें सभागार में बुधारीय आम दर्शन समारोह के दौरान लोगों से कहा, ″हम रोहिंग्या के भाई-बहनों के लिए प्रार्थना करें जो म्यांमार से भगाये जा रहे हैं वे शरण खोजते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान भटक रहै हैं क्योंकि उन्हें कोई स्वीकार करना नहीं चाहता।″
संत पापा ने कहा कि रोहिंग्या लोग ख्रीस्तीय नहीं हैं पर अच्छे और शांतिप्रिय लोग हैं। वो हमारे ही भाई-बहन हैं और सालों से कष्ट सह रहे हैं। अपने मुस्लिम विश्वास को बनाये रखने के कारण उनपर अत्याचार किया जा रहा है और बहुतों को मार डाला गया। इतना कहने के बाद संत पापा ने सभागार में उपस्थित करीब 7000 लोगों के साथ मिलकर सभी शोषण और अपमानित प्रवासियों विशेष कर रोहिंग्या लोगों के लए ‘हे पिता हमारे’ प्रार्थना का पाठ किया।
मानव अधिकार समूहों ने म्यांमार की सरकार से सुरक्षा बलों द्वारा अल्पसंख्यक मुसलमानों के घरों के गिराने और व्यवस्थित रुप से यौन हिंसा, अत्याचार और हत्या के आरोप की जाँच हेतु एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जाँच आयोग की अपील की है।
विदित हो कि बौद्ध बहुल म्यामार में करीब एक लाख रोहिंग्या सरकारी और सामाजिक भेदभाव का सामना कर रहे हैं। अधिकांश रोहिंग्यों के पास देश की नागरिकता नहीं है और उन्हें बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों के रुप में माना जाता है जबकि उनका परिवार पीढियों से उस देश में रहता आया है।
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