2017-01-31 15:45:00

इंडोनेशिया में असहिष्णुता को रोकने के लिए काथलिक शिक्षकों की वापसी


जकार्ता, मंगलवार, 31 जनवरी 2017 (उकान) : इंडोनेशिया की सरकार द्वारा असहिष्णुता को रोकने के लिए देश की पारंपरिक मूल्यों की शिक्षा स्कूलें में शुरु करने की योजना को काथलिक शिक्षकों ने स्वागत किया है।

शिक्षा मंत्री मुहाद्जीर एफ्फेंदी ने कहा कि प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूलों में पारंपरिक शिक्षण विधियों के बजाय विशेष गतिविधियों के माध्यम से देश के ″पंचकासिला″ अर्थात ‘पांच सिद्धांतों’ को पढ़ाना चाहिए।

इंडोनेशियाई दर्शन के तहत, एक ईश्वर में विश्वास के अनुबंध, एक निष्पक्ष और सभ्य समाज,  इंडोनेशियाई एकता, आम सहमति के द्वारा निर्देशित लोकतंत्र, और सभी नागरिकों के लिए सामाजिक न्याय ये पाँच सिद्धांत आते हैं।

राष्ट्रीय एकता को कट्टरपंथ और असहिष्णुता के खतरे से बचाने के लिए इन सिद्धांतों को भली भाँति समझने और दैनिक जीवन में जीने की जरुरत है। शिक्षा मंत्री ने सुझाव दिया कि स्कूलों की कक्षाओं में और पाठ्येतर गतिविधियों के दौरान सप्ताह में 8 धंटे इन विषयों के लिए दिये जाएँ।

काथलिक शिक्षा की राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष फ्राँसिसकन फादर विन्सेंसियुस दारमिन ने ऊका न्यूज से कहा कि सरकार की योजना काथलिक स्कूलों के सिद्धांतों की ही दिशा पर बल देता है। काथलिक स्कूल बहुत पहले से इन मूल्यों को विद्यार्थियों में डालने के लिए प्रतिबद्ध है।

हालांकि, देश में बढ़ रहे असहिष्णुता को समाप्त करने के लिए पारंपरिक मूल्यों और समर्थन के सभी प्रयासों को फिर से किया जाना चाहिए।

एक काथलिक स्कूल के शिक्षक गालदिनुस ओल्वा ने कहा कि सरकार की योजना की सफलता के लिए सबसे पहले उन्हें शिक्षकों के लिए उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था और गलतियों से बचने के लिए प्रासंगिक पाठ्य पुस्तकें प्रदान करनी होगी।

उन्होंने कहा कि सरकार को इन मूल्यों को लागू करने में छात्रों के माता-पिता को भी शामिल करना चाहिए जिससे कि वे स्कूल के बाहर अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रख सकें।








All the contents on this site are copyrighted ©.