2017-01-27 17:08:00

अतीत, वर्तमान और भविष्य मानव जीवन के तीन आधार


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 27 जनवरी 2017 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार, 27 जनवरी को संत मार्था के अपने निवास में प्रातःकालीन मिस्सा बलिदान के दौरान अपने प्रवचन में कहा कि ख्रीस्तीय जीवन अतीत, वर्तमान और भविष्य इन तीन बिन्दुओं पर आधारित है।

उन्होंने इब्रानियों के नाम संत पौलुस के पत्र पर अपना चिंतन प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज का पाठ हमें अपने जीवन में ईश्वरीय कृपा को स्मरण करने हेतु निमंत्रण देता है। हमें अपने जीवन पाक और नापाक दोनों बातों को याद करने की जरूरत है। हमें अपने जीवन की सारी घटनाओं के साथ ईश्वर के पास आने की जरूरत है क्योंकि हम अपने खीस्तीय जीवन को याद किये बिना जीवित नहीं सकते हैं। हमें अपने जीवन की कठिनाइयों और उन कठिनाइयों में ईश्वर का एक मुक्तिदाता के रुप में आना और हमें मुसीबतों से निकालना हमें उनकी कृपा की याद दिलाती है। उन्होंने कहा कि एक ख्रीस्तीय यादों का व्यक्ति है।
संत पापा ने कहा कि हम अपने जीवन यात्रा में किसी का इंतजार करते हैं विशेष कर ईश्वर से मिलने की एक चाह रखते हैं जो हमें विश्वास में बने रहने को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि आशा हमें भविष्य की ओर देखने को प्रेरित करती है। जिस तरह हम अपने जीवन की घटनाओं को याद किये बिना नहीं रह सकते उसी तरह हम भविष्य में ईश्वर से मिलने की आशा रखे बिना जीवित नहीं रह सकते हैं। ईश्वर से हमारे मिलने की आशा अतीत की याद और आशा के बीच एक तनाव के समान है। 

हमें वर्तमान को साहस और धैर्य में जीने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम सभी पापी हैं लेकिन अपने जीवन की दुःख तकलीफों और मुसीबतों के बावजूद हम अपने जीवन को साहस और धैर्य में जीवन हेतु बुलाये गये हैं।
अपने प्रवचन के अंत में उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन में पाप से दूर रहें क्योंकि यह हमें भयभीत कर देता है जिसके कारण हम अपने जीवन में आगे बढने के बदले पीछे लौटते हैं। यह हमें लकवाग्रस्त बना देता है। ईश्वर हमारी याददाश्त को मजबूत करें, हमारी आशा और साहस को बढ़ाये तथा हम से भय दूर करे जिससे हम अपना जीवन उनके लिए जी सकें। 








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