वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 20 जनवरी 2017 (वी आर) फिनलैण्ड अन्तर काथलिक वार्ता के प्रतिनिधियों से गुरुवार को अपने देश के संरक्षण संत हेनरिक के पर्व दिवस के अवसर पर वाटिकन की यात्रा करते हुए संत पापा फ्रांसिस से मुलाकात की।
देश के प्रतिनिधि मंडल ने काथलिक धर्माध्यक्ष तीईमु सीपो, लुथरन धर्माध्यक्ष तुर्कु कारलो कल्लियेला और फिनलैण्ड आर्थोडाक्स महानगर, औलु के एलिया संग वाटिकन की भेंट की।
संत पापा फ्रांसिस ने प्रतिनिधि मंडल को अपनी भेंट मुलाकात के दौरान कहा, “आप अपने देश के सारे ख्रीस्तीय समुदाय को प्रोत्साहित करें जिससे वे येसु ख्रीस्त में अपने विश्वास को प्रगाढ़ बना सकें जैसे कि संत हेनरिक ने उत्साह में अपनी ठोस सेवा और भ्रातृत्व की भावना से ओत-प्रोत होकर विश्व को अपने विश्वास का साक्ष्य दिया था।”
ख्रीस्तीय एकता को बढ़ावा देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के तहत काथलिक और लुथरनों के मध्य आपसी संबंध को सुदृढ़ बनाने हेतु कार्यरत मान्यवर मथियस तुर्क ने कहा कि देश के संरक्षक संत के पर्व दिवस के पर वाटिकन की हमारी यात्रा, जो ख्रीस्त एकता आठवारे के साप्ताहिक काल में हुआ हमारे लिए एक संयोग की बात है। उन्होंने कहा कि वे विगत 30 सालों से अन्तर धार्मिक कलीसियाई वार्ता के इस तीर्थ में सहभागी हो रहे हैं। “हमें अति हर्ष होता है कि हम अन्तर धार्मिक कलीसियाई वार्ता और आपसी भाई-चारे के इस मुकाम तक पहुँच पाये हैं।”
उन्होंने कहा विगत सालों में धर्मसुधार जयंती “जर्मन त्योहार-सा” प्रतीत होता था लेकिन लूथरन विश्व संगठन, मार्टिन जूंगे के नेतृत्व में यह विश्व और अन्तर धार्मिक कलीसियाई समारोह बन गया है। “हम रोम से विभिन्न अपनी कलीसियाओं हेतु बहुत-सी चीजें अपने साथ ले जाते हैं जो हमें कलीसियाओं में स्थाई नवीकरण लाने हेतु मदद करती है।”
धर्मसुधार वर्ष के तीन स्तरीय बातों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम सर्वप्रथम इस मिलन वार्ता के 50वीं बरसी हेतु अपनी कृतज्ञता अर्पित करते हैं दूसरा हम दोनों पक्षों द्वारा हुई गलतियों के लिए क्षमा की याचना करते और तीसरा हम विश्व हेतु येसु ख्रीस्त के अपने सामान्य साक्ष्य को नवीकृत करते हैं जो कि विभिन्न रुप में दुःखित जान पड़ती है।
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