2017-01-17 16:09:00

साहसी ख्रीस्तीय बनें, संत पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, मंगलवार,17 जनवरी 2017 (संदोक) : संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के प्रेरितिक निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में प्रातःकालीन यूखरीस्तीय समारोह का अनुष्ठान किया।

 संत पापा फ्राँसिस ने इब्रानियों के नाम पत्र से लिये गये पाठ पर मनन करते हुए अपने प्रवचन में साहसी ख्रीस्तीयों और आलसी ख्रीस्तीयों की तुलना करते हुए कहा कि साहसी ख्रीस्तीय हमेशा जीवन में आगे बढ़ने और जोखिमों का सामना करने के लिए सदा तैयार रहते हैं। उनका मनोभाव उन खिलाड़ियों के समान होता है जो खेल मैदान में जीतने के लिए अपने आप को प्रशिक्षित करते हैं। इसके विपरीत आलसी ख्रीस्तीय एक स्थान में स्थिर पड़े रहते हैं। उनमें आगे बढ़ने या चुनौतियों का सामना करने तथा जीवन में नई चीजों को स्वीकार करने की कोई इच्छा नहीं है वे आराम की जिंदगी में अकेले रहना चाहते हैं। उन ख्रीस्तीयों के लिए चाहे वे लोकधर्मी, पुरोहित या धर्माध्यक्ष ही क्यों न हों, कलीसिया एक बहुत अच्छा पार्किंग स्थान है। जहाँ उनके लिए जीवन की हर संभव सुख और सुविधाएँ मिलती हैं।

संत पापा ने कहा, ″आप साहसी ख्रीस्तीय बनें, जीवन के अंधकार क्षणों से उपर उठने के लिए आशा का लंगर डालें।″ आशा ख्रीस्तीयों को साहसी बनाता है। आशावादी ख्रीस्तीय साहसी होते हैं इसके विपरीत आलसी ख्रीस्तीय आशाहीन होते हैं। हमारे कठिन समय से जूझने के लिए आशा ही लंगर का काम करती है। आशा हमें अपने आप से बाहर निकलने में मदद करती है। आशा वह क्षितिज है जो हमें अपने आप से ऊपर उठकर साहस के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।

संत पापा ने कहा कि हम सभी को जीवन यूँ ही दान में नहीं मिला है। हमें साहस के साथ जीवन की हर कठिनाईयों का सामना करना चाहिए। हमें गलतियों की परवाह नहीं करनी चाहिए। हम सभी गलतियां करते हैं। सिर्फ आलसी लोग गलतियां करने के भय से स्थिर एक स्थान में खड़े रहना पसंद करते हैं और यह उनकी सबसे बड़ी गलती है। वे अंधकार में और अपने आप में बंद रहते हैं इसलिए उन्हें अपनी गलतियां दिखाई नहीं देती हैं।

ईश्वर हमें कभी निराश नहीं करते हैं। संत पापा ने सभी विश्वासियों को जीवन की हर परिस्थिति में आशावान बने रहने की प्रेरणा दी।








All the contents on this site are copyrighted ©.