2017-01-12 16:07:00

अपना हृदय कठोर न बनाये


वाटिकन सिटी, गुरुवार, 12 जनवरी 2017 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के अपने निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में अपने प्रातःकालीन मिस्सा बलिदान के दौरान अपने प्रवचन में कहा कि हमारा जीवन एक दिन का है यह दुबारा नहीं आयेगा अतः हम अपना हृदय कठोर न बनायें।

इब्रानियों के नाम पत्र से लिए गये पाठों के आधार पर उन्होंने ईश वचन “आज तुम आप हृदय कठोर न बनाओ, प्रभु की वाणी पर ध्यान दो” पर अपना चिंतन प्रस्तुत करते हुए दो मुख्य बिन्दुओं “आज” और “हृदय” पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि यह “आज” का दिन है जहाँ हमने ईश्वर के प्रेम को अपने जीवन में पाया है। वास्तव में हमारा जीवन “एक दिन” के समान है जो कल फिर नहीं मिलेगा अतः हमें इस दिन ईश्वर से अपना निष्ठा पूर्ण संबंध जोड़ की आवश्यकता है। लेकिन एक मानव के रुप में हम चीजों को आने वाला कल करने की सोचते हैं और वह कल हमारे लिए नहीं आता है। येसु इसे पाँच मूर्ख कुंवारियों के दृष्टांत के रुप में हमारे सामने रखते हैं जिन्हें अपने साथ तेल नहीं लिया और जब वे तेल खरीदने जातीं तो उनके लिए द्वार बंद हो जाता है। संत पापा ने धर्मग्रंथ के एक अन्य दृष्टांत का उदाहरण देते हुए कहा कि एक व्यक्ति ईश्वर के द्वारा खटखटाते हुए कहता है, “मैंने आप के साथ खाया पीया... लेकिन प्रभु कहते हैं, मैं तुम्हें नहीं जानता...देर हो चुकी है..,”।  

संत पापा ने कहा “मैं इन बातों से आप को डराने का प्रयास नहीं करता वरन हमारे जीवन की हकीकत यही है कि हमारा जीवन आज है। आज नहीं तो कभी नहीं। मैं इसके बारे में चिंतन करता हूँ। क्या मैं आज अच्छा, एक सच्चा जीवन जीता हूँ?” 

दूसरी बात हृदय की है जिसे हम आज के पाठों में सुनते हैं। यह हमारा हृदय है जिसके द्वारा हम ईश्वर से मिलते हैं। अतः हमें अपने हृदय को कठोर नहीं करना है। क्या हमारा हृदय ईश्वर के लिए खुला है? संत पापा ने कहा कि बहुत सारे बुजुर्ग पुरोहित और धर्मबहनें मुझे अपने लिए प्रार्थना करने को कहते हैं, लेकिन उन्होंने जिन्दगी भर प्रार्थना की है, आप ने अपने जीवन में प्रभु की सेवा की फिर जीवन के अंत में किस बात का डर...? नहीं.. नहीं... मैं जीवन को पूरी तरह जीना चाहता हूँ अपने विश्वास में मजबूत बने रहना चाहता हूँ।

संत पापा ने कहा कि जीवन हमारा आज है आज हमें अपना हृदय ईश्वर के लिए बंद न करें। हम अपने में कठोर, विश्वास रहित, पापों से भरा न रखे वरन ईश्वर के ले खो कर रखें। उन्होंने कहा कि धर्मग्रंथ में हम सुनते हैं कि येसु कितने ही ऐसे लोगों से मिलते हैं जिन्होंने उन्हें सताया, उनकी परीक्षा ली और अंत में उन्हें दोषी करार देते हुए मार डाला। संत पापा ने कहा कि हम इन शब्दों के साथ अपने घर जायें, क्या यह दिन मेरा है? सूर्य आज और कल है लेकिन ईश्वर के साथ मेरा दिन कैसा है। मेरा हृदय कैसा है? क्या यह विश्वास में मजबूत है? क्या यह ईश्वर के द्वारा संचालित किया जाता है? इन सवालों को हम ईश्वर के सामने रखते हुए अपने लिए ईश्वर की कृपा की याचना करें। 








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