2017-01-04 15:20:00

केरल की कलीसिया ट्रांसजेंडर लोगों को सहायता प्रदान करती है


कोची, बुधवार, 4 जनवरी 2017 (ऊकान) : केरल की कलीसिया ने ट्रांसजेंडर लोगों के आध्यात्मिक और नैतिक सहायता देने हेतु पुरोहितों, धर्मबहनों और लोकधर्मियों के एक समूह का गठन किया है। कोची में स्थापित एक वैश्विक समाज सेवा आंदोलन के तहत प्रो-लाइफ सपोर्ट के संरक्षण में यह समूह ट्रांसजेंडर लोगों के लिए काम करेगा।

प्रो-लाइफ सपोर्ट संबंधी केरल काथलिक धर्माध्यक्षीय संगठन के प्रभारी फादर पौल मडाशेरी ने कहा कि ट्रांसजेंडर लोगों के प्रति पूरी कलीसिया को एक बड़ी भूमिका निभानी है। उन्होने कहा कि संत पापा फ्राँसिस ने भी एलजीबीटी (समलैंगिक, गे उभयलिंगी और ट्रांसजेंडर लोग) समुदाय की आध्यात्मिक देखभाल के बारे में कहा था।      

फादर ने कहा कि केरल के ट्रांसजेंडर लोगों पर उत्तर भारत के सक्रीय सेक्स रैकेट की नजर है। वे उनके शारीरिक भेदभाव का फायदा उठाकर उनका शोषण करते हैं।

भारत में करीब 500,000 ट्रांसजेंडर लोग हैं। वे अक्सर अपने परिवारों से बहिष्कृत कर दिये जाते हैं उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं है। जीविका के लिए उन्हें सड़कों पर भीख माँगना पड़ता है या वे देह का व्यापार करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

धर्मबहनों ने कम से कम 50 भवन मालिकों से स्कूल बनाने हेतु भवन की माँग की। समाज में प्रचलित भेदभाव की वजह से उन्हें भवन नहीं मिला। अंत में दिसम्बर में मदर कार्मेल धर्मसमाज का धर्मबहनें ने अपने भवन को स्कूल छोड़े हुए ट्रांसजेंडर लोगों के लिए एक विशेष स्कूल बनाने के लिए दे दिया है।

बीते वर्ष काथलिक कलीसिया की सामाजिक सेवा शाखा करितास इंडिया ने इस तरह के भेदभाव के विरुध लड़ने के लिए कार्यक्रम का घोषणा की थी।

केरल की एक अग्रणी ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता विजया राजा मल्लिका ने कोच्चि में ट्रांसजेंडर स्कूल छोड़ने वालों के लिए एक तीन महीने की पायलट स्कूल शुरु की है। मल्लिका ने कहा, "उनके संघर्ष में सहायता हेतु कलीसिया का बहुत बड़ा हाथ रहा है। जमीनी स्तर पर सामाजिक और व्यवहार में परिवर्तन करने में धर्म एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। "

30 दिसम्बर को कोची में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए एक दुनिया में सबसे पहला एक आवासीय स्कूल खोला गया। इस स्कूल में राष्ट्रीय मुक्त स्कूल के पाठ्यक्रम के आधार पर विद्यार्थियों को 10वीं और 12वी कक्षा की परीक्षा के लिए तैयार किया जाएगा। यह स्कूल उन ट्रांसजेंडर लोगों को भर्ती करेगा जो विभिन्न कारणों की वजह से कम उम्र में स्कूल छोड़ दिये थे।

 








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