2016-12-29 11:10:00

भारत के कैंसर रोगियों को कारितास की भ्रातृत्व एवं लोकोपकारी सहायता


नई दिल्ली, गुरुवार, 29 दिसम्बर 2016 (एशियान्यूज़): विश्वव्यापी उदारता संगठन कारितास की भारतीय शाखा ने आगामी चालीसाकाल के दौरान कैंसर पीड़ितों के प्रति अपनी सहायता में वृद्धि का निर्णय लिया है।

प्रभु येसु के दुखभोग एवं क्रूसमरण की याद में मनाये जानेवाले चालीसाकाल के दौरान प्रतिवर्ष कारितास इन्डिया सामाजिक रूप से त्रस्त लोगों की सहायता एवं समाज में सकारात्मक बदलाव हेतु अभियान चलाती है।

एशियान्यूज़ से बातचीत में कारितास इन्डिया के कार्यकारी निर्देशक फादर फ्रेडरिक डिसूज़ा ने कहा, "जीवन की परिपूर्णता के विश्वास में मूलबद्ध तथा रक्षा करने और जीवन के पोषण हेतु आदेशित इस वर्ष चालीसाकाल का हमारा अभियान भुखमरी एवं रोगों, विशेष रूप से, कैंसर रोग के विरुद्ध होगा। जीवन के प्रति हाँ तथा कैंसर के प्रति ना हमारा आदर्श वाक्य है।"  

भारत में लगभग 25 लाख व्यक्ति कैंसर रोग से पीड़ित हैं। प्रतिवर्ष सात लाख नये कैंसर रोगियों का पंजीकरण किया जाता है। इसके अतिरिक्त, भारत के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम द्वारा प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार, प्रतिवर्ष 5,56,400 व्यक्ति कैंसर के कारण मरते हैं।

फादर डिसूज़ा ने बताया कि कारितास इन्डिया ने केरल राज्य में 8 मार्च, 2014 को आशाकिरणम कैंसर रक्षा अभियान शुरु किया था जहाँ प्रतिवर्ष 35,000 से अधिक कैंसर पीड़ितों का पंजीकरण किया जाता है।

उन्होंने बताया कि यह अभियान द्रुत गति से आगे बढ़ा और लगभग 900 स्वयंसेवक इसके साथ जुड़ गये हैं। इनमें स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं के लावा, कैंसर रोग से बच निकले व्यक्ति, छात्र एवं कलाकार लोग शामिल हैं। केरल के बाद यह अभियान तमिल नाड में भी आरम्भ कर दिया गया है।

फादर डिसूज़ा ने कहा कि कैंसर रोग के खिलाफ कारितास इन्डिया का अभियान "प्रेम की शक्ति को प्रकाशित करता है।" 

उन्होंने बताया कि अभियान का प्रमुख उद्देश्य कैंसर के प्रति चेतना जागृत करना, कैंसर रोग को तुरन्त पहचानने में मदद देना तथा जीवन शैली में परिवर्तन लाने हेतु लोगों को प्रोत्साहन प्रदान करना है। फादर डिसूज़ा के अनुसार, "कैंसर विरोधी अभियान जीवन का सन्देश प्रसारित करता है। यह विश्वास से प्रेरित व्यवहार और कार्य है।








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