2016-12-15 11:43:00

सन्त पापा ने किया परमधर्मपीठ के लिये नये राजदूतों को सम्बोधित


वाटिकन सिटी, गुरुवार, 15 दिसम्बर सन् 2016 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने गुरुवार को परमधर्मपीठ के लिये बुरुंडी, फिजी, मॉरीशस, माल्डोवा, स्वीडन और ट्यूनीशिया के असाधारण और पूर्णाधिकारी राजदूतों के प्रत्यय पत्र स्वीकार कर उन्हें सम्बोधित किया। 

विश्व के विभिन्न राष्ट्रों से आये नये राजदूतों का सन्त पापा ने काथलिक धर्म की पीठ में स्वागत किया और इस बात की पुनारवृत्ति की काथलिक कलीसिया का मिशन विश्वव्यापी है तथा मानव प्राणियों के अन्तर में विद्यामन नैतिक मूल्यों का प्रसार करना उसका दायित्व है और इसीलिये विश्व के विभिन्न राष्ट्रों के साथ उसके कूटनैतिक सम्बन्ध हैं।   

सन्त पापा ने कहा कि इन नैतिक मूल्यों में सर्वोपरि हैं शांति और अहिंसा। उन्होंने कहा कि इसीलिये प्रतिवर्ष काथलिक कलीसिया पहली जनवरी को विश्व शांति दिवस मनाती है और इस वर्ष इस दिवस का विषय रखा गया हैः "अहिंसा: शांति के लिए राजनीति की एक शैली"।   

अहिंसा के मूल्य को प्रकाशित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "अहिंसा सार्वभौमिक मूल्य का एक विशिष्ट उदाहरण है जिसे येसु मसीह के सुसमाचार में परिपूर्णता मिलती है किन्तु यह विश्व की अन्य महान और प्राचीन आध्यात्मिक परंपराओं का भी एक हिस्सा है। खेदवश युद्धों और कई विरोधों द्वारा चिह्नित हमारे अपने विश्व में जहाँ दिन-प्रतिदिन के जीवन में विभिन्न तरीकों की  हिंसा व्याप्त है, अहिंसा को जीवन शैली रूप में अपनाने की मांग, हर स्तर पर, परिवार में, शिक्षण संस्थानों में, नागर समाज में, राजनैतिक गतिविधियों में तथा अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्धों में बढ़ती जा रही है। 

सन्त पापा ने कहा कि, विशेष रूप से, वे लोग जो राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक कार्यालयों एवं योजनाओं से संलग्न हैं उनसे मांग की जाती है कि वे अपने-अपने अन्तःकरणों में अहिंसा की शैली अपनायें तथा अपने दायित्वों को पूरा करने में मानव की गरिमा का पूरा ख़्याल रखें। 








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