2016-12-12 15:13:00

गुरूकुल छात्रों को संत पापा की सलाह


वाटिकन सिटी, सोमवार, 12 दिसम्बर 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को वाटिकन में, इटली के पुलिया प्रांत स्थित परमधर्मपीठीय पीयुस ग्यारहवें सेमिनरी के गुरूकुल छात्रों से मुलाकात कर, संबद्ध की भावना में बढ़ने की सलाह दी।

उन्होंने कहा, ″यदि हम अपने आप में ख्रीस्त की कलीसिया एवं राज्य के अंग होने का अनुभव करेंगे तब हम सेमिनरी की जीवन यात्रा को आनन्द पूर्वक तय कर पायेंगे।″ उन्होंने ‘मोह-माया’ से बचने की सलाह देते हुए स्मरण दिलाया कि उनके बुलाहट की यात्रा तभी सम्भव हो सकती है जब वे प्रलोभनों के प्रति सचेत रहेंगे।   

 संत पापा ने गुरूकुल छात्रों को यह भी बतलाया कि सेमिनरी वह स्थान है जहाँ एक- दूसरों के साथ संबंध बनाने की कला में बढ़ जा सकता है जो कि पुरोहिताई के लिए आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि संबद्ध की भावना को इसके विपरीतार्थक शब्द ‘बहिष्कार’ से अधिक स्पष्ट रूप में समझा जा सकता है।

संत पापा ने उन्हें याद दिलाया कि वे लोगों के लिए ख्रीस्त को बांटें ताकि हरेक समुदाय का हिस्सा होने का अनुभव कर सके, खासकर, सेमिनरी के ऐसे सदस्य जो बहिष्कृत अथवा हाशिये पर होने का अनुभव करते हैं।

उन्होंने गुरूकुल छात्रों को परामर्श दिया कि समुदाय का हिस्सा होना तथा सेमिनरी के प्रशिक्षण के प्रति सजग रहना एक उत्तरदायित्व है।








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