2016-12-08 15:52:00

बेल्जियम काथलिक समाचार पत्र को संत पापा का साक्षात्कार


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 8 दिसम्बर (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने बेलजियम के काथलिक साप्ताहिक समाचार पत्र को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि उत्कृष्टता के प्रति खुलापन मानव जाति का एक मूलभूत स्वभाव है अतः जब एक राजनीतिक सिद्धांत इसका सम्मान नहीं करता वह मानव व्यक्ति को छांटकर अलग कर देता है।

विभिन्न विषयवस्तुओं पर आधारित अपने साक्षात्कार में उन्होंने मनुष्यों में निहित उत्कृष्टता के प्रति खुलापन, धार्मिक चरमपंथ के संकट, युद्ध की कीमत, करूणा की असाधारण जयन्ती तथा धर्माध्यक्षीय कलीसिया के प्रति उनकी अभिलाषा पर चिंतन किया।

उन्होंने धर्म के प्रति सकारात्मक रूप से तटस्थ रहने वालों एवं धर्म के प्रति उदासीनता की विचारधारा का समर्थन करने वालों के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए कहा, ″सार्वजनिक जीवन से धर्म को अलग करना एक प्राचीन रुख है।″

उन्होंने कहा, ″धर्म के प्रति तटस्थता एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति स्वस्थ धर्मनिरपेक्षता का रूख अपनाता है ताकि अपने धर्म का किसी पर दबाव न डाले जो कि सकारात्मक है, यह धर्मविरोधी विचारधारा से उत्तम है। धर्मविरोधी विचारधारा का अंत नकारात्मक है क्योंकि यह उत्कृष्टता के द्वार को बंद कर देता है। पड़ोसी एवं ईश्वर दोनों के प्रति उसके उत्कृष्ट विचारों को अवरूद्ध कर देता है।″      

युद्ध एवं धार्मिक चरमपंथ की विषयवस्तु पर बातें करते हुए संत पापा ने कहा, ″ऐसा कोई धर्म नहीं है जो युद्ध उत्पन्न करता है।″

उन्होंने कहा कि आतंकवाद तथा युद्ध धर्म से संबंध कतई नहीं रख सकते बल्कि अपने कार्यों को न्याय संगत ठहराने के लिए वे धार्मिक विकृतियों का सहारा लेते हैं।

संत पापा ने कहा कि सभी धर्मों में चरमपंथी दल पाये जाते हैं, यहाँ तक कि हमारे धर्म में भी किन्तु वे छोटे धार्मिक दल अपने धर्म को विकृत करते एवं उसे रोगग्रस्त बनाते हैं और वहाँ से वे समुदाय में तनाव एवं विभाजन लाते हैं जो युद्ध का ही रूप है।  

विश्व के कई जगहों पर हो रहे युद्ध को तीसरे विश्व युद्ध की संज्ञा देते हुए संत पापा ने कहा कि प्रथम विश्व युद्ध के एक सौ साल बाद, हम पुनः विश्व युद्ध की स्थिति में जी रहे हैं। तीसरा विश्व युद्ध जो कि टुकड़ों में लड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा, ″हम कहते हैं कि युद्ध फिर कभी न हो किन्तु साथ ही हथियारों का उत्पादन करते हैं तथा उन लोगों के लिए बेचते हैं जो युद्ध में भाग ले रहे हैं।

संत पापा ने युद्ध का व्यंग्यात्मक विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने एक आर्थिक सिद्धांत पढ़ी थी जिसका विचार यह है कि जब एक राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चलती है तो बजट को संतुलित करने के लिए युद्ध छेड़ा जाता है। समृद्धि में बढ़ने का यह एक आसान तरीका है किन्तु इसकी कीमत बेहद अनुचित है जिसे खून द्वारा चुकाना पड़ता है। 

साक्षात्कार के महत्वपूर्ण हिस्से को करुणा के जयन्ती वर्ष को समर्पित किया गया। संत पापा ने कहा कि करुणा वर्ष का विचार उन्हें अचानक नहीं आया। उन्होंने कहा कि यह उनके पूर्वाधिकारी संत पापा पौल षष्ठम तथा जोन पौल द्वितीय द्वारा तैयार किया गया था, साथ ही साथ वे संत फौस्तीना एवं दिव्य करुणा के पर्व से प्रेरित हुए।

संत पापा ने याद किया कि असाधारण जयन्ती का विचार नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु बनी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष रिनो फिसिकेल्ला से बात करने के दौरान सामने आया।

उन्होंने कहा, ″मैंने अनुभव किया कि प्रभु मुझसे इसकी मांग कर रहे हैं। मैं नहीं जानता कि किस तरह यह विचार मेरे हृदय में उठा किन्तु विश्वास करता हूँ कि प्रभु ने मुझे प्रेरित किया है और वास्तव में इसके द्वारा बहुत अच्छा हुआ है।   

साक्षात्कार में आज के विश्व में द्वितीय वाटिकन महासभा के मुद्दे तथा कलीसिया की धर्माध्यक्षीय स्वरूप पर चर्चा की गयी।

संत पारा ने कहा, ″कलीसिया का जन्म समुदाय से हुआ है अतः इसमें पिरामिड आकृति की कलीसिया रही है जिसमें संत पेत्रुस जो कहते हैं वह पूरा होता है अर्थात् धर्माध्यक्षीय कलीसिया जिसमें पेत्रुस शीर्ष हैं किन्तु वे कलीसिया का साथ देते तथा इसे बढ़ने में मदद करते हैं। वे उसकी सुनते हैं उससे भी बढ़कर वे इससे सीखते तथा उसके साथ सामंजस्य बनाये रखने का प्रयास करते हैं तथा निर्णय करते हैं ताकि जो कलीसिया से आता है वह उसी में वापस चला जाता।  

संत पापा ने अंतिम दो सिनॉड जो परिवार विषय पर आधारित था उसे इसका उत्तम उदाहरण कहा क्योंकि इसमें कलीसिया की विविधता में एकता परिलक्षित हुई। सिनॉड के सभी प्रतिभागियों ने अपने विचारों को न्याय किये जाने के भय के बिना प्रस्तुत किया तथा सभी ने किसी का विरोध किये बिना एक-दूसरे की बातों पर सक्रिय ध्यान दिया। उसके बाद हमने दल में भाई-भाई की तरह विचार-विमर्श किया।

संत पापा ने साक्षात्कार के अंत में  पुरोहितों को निमंत्रण दिया कि वे धन्य कुँवारी मरियम से प्रेम करें, येसु द्वारा निहारे जाने तथा येसु के पीड़ित शरीर की खोज अपने भाई बहनों में करें। 








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