2016-11-26 15:51:00

संत पापा ने जोसेफ रतसिंगर वाटिकन फाउन्डेशन के सदस्यों से मुलाकात की


वाटिकन सिटी, शनिवार, 26 नवम्बर 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 26 नवम्बर को, वाटिकन स्थिति क्लेमेंटीन सभागार में ‘जोसेफ रतसिंगर’ वाटिकन फाउन्डेशन के सदस्यों से मुलाकात की।

उन्होंने ईशशास्त्र में एस्काटोलोजी विषयवस्तु पर रोम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी की सफलता पर प्रतिभागियों को बधाई दी तथा संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा, ″हम जानते हैं कि एस्कटोलोजी (परलोक के ज्ञान) विषयवस्तु पर विश्वास के सिद्धांतों के लिए बनी परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष के रूप में प्राचार्य जोसेफ रतसिंगर ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया है और अंततः अपने परमधर्माध्यक्षीय काल में कई शिक्षाएँ प्रदान की हैं। हम प्रेरितिक पत्र ‘स्पे सालवी’ में अनन्त जीवन तथा आशा पर उनके गहरे चिंतन को कभी नहीं भूल सकते हैं।″

संत पापा ने कहा कि एस्काटोलोजी विषयवस्तु अधिक महत्वपूर्ण तब हो जाता है जब हम जीवन के अर्थ पर चिंतन करते हैं एवं भौतिकतावादी या सांसारिक विचारधारा में बंद अपने इतिहास की याद करते हैं।

संत पापा ने रतसिंगर पुरस्कार 2016 से सम्मानित ईशशास्त्र में विशिष्ट योगदान देने वाले मोनसिन्योर इनोस बीफ्फी एवं प्रोफेसर योवानिस कोरेमपेल्स को बधाई दी जिन्होंने आजीवन कलीसिया में ईशशास्त्रीय अध्ययन में अपना बड़ा योगदान दिया है।

रतसिंगर पुरस्कार जोसेफ रतसिंगर वाटिकन फाउन्डेशन द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम हैं जिसे संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने सन् 2010 में स्वीकृति दी है।

इसका लक्ष्य है पूर्व प्रोफेसर जोसेफ रतसिंगर के लेखों का प्रकाशन, वितरण और अध्ययन। पुरस्कार शुरुर करने के दूसरे ही वर्ष में इसे ‘ईशशास्र का नोबल पुरस्कार’ कहा जाने लगा है।








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