2016-11-26 16:01:00

मानवता के सच्चे आदर्श येसु का अनुसरण करें


वाटिकन सिटी, शनिवार, 26 नवम्बर 2016 (वीआर सेदोक): ″प्रिय युवाओ, मैं कामना करता हूँ कि आप उसी रास्ते का अनुसरण करें जो जीवन को पूर्ण सार्थकता एवं आनन्द प्रदान करता है। वह रास्ता यद्यपि सभी के लिए समान नहीं है तथापि प्रत्येक अपने लिए एक रास्ता निकाले जो उनके व्यक्तित्व, क्षमता एवं परिस्थिति के अनुकूल हो।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को, पौल षष्ठम सभागार में एकत्रित इटली के राष्ट्रीय सिविल सेवा के 7,000 सदस्यों को सम्बोधित कर कही। 

उन्होंने कहा, ″आप, देश में मूल्यवान एवं गतिशील शक्ति हैं। आदर्श समाज के निर्माण में आपका योगदान अपरिहार्य है जो सबसे कमजोर लोगों का विशेष ख्याल रखता है।″ संयुक्त समाज की योजना हर सभ्य समुदाय का लक्ष्य है जो समतावादी और भाईचारा पूर्ण होना चाहता है। यह तब विश्वासघात का शिकार होता है जब हम विभिन्न सामाजिक अथवा राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ असमानता का भाव रखते हैं।

संत पापा ने कहा कि ऐसी भावना हमारे समाज एवं उसकी संस्कृति को कलंकित करता है। असमानता एवं उपेक्षा की भावना के मानदंड में प्रवेश करने एवं उसका अभ्यास करने के द्वारा न केवल उन लोगों का जीवन गरीबी की ओर अग्रसर होता जो भुला दिये जाते हैं बल्कि असमानता का बर्ताव करने वाले भी खुद अपने को दूसरों से अलग कर लेते हैं।

संत पापा ने सदस्यों से कहा कि उनका दृष्टिकोण असमानता की भावना के विपरीत होना चाहिए तथा उनके सोचने और काम करने का तरीका उनसे भिन्न होना चाहिए।   

संत पापा ने राष्ट्रीय सिविल सेवा के सदस्यों को स्मरण दिलाया कि उनका एक प्रमुख कार्य है पर्यावरण की रक्षा करना क्योंकि पर्यावरण की देखभाल एवं मानव जीवन पर पर्यावरण क्षरण के गंभीर परिणाम के बीच गहरा संबंध है। संत पापा ने उन्हें ग़रीबों, शरणार्थियों एवं आप्रवसियों की मदद हेतु प्रोत्साहन दिया। इन क्षेत्रों में इटली के कार्यों पर गौर कर उनकी सराहना करते हुए प्रोत्साहन दिया कि वे स्वीकार करने, उनके प्रति जागरूकता बढ़ाने एवं सच्चे एकीकरण हेतु ठोस रूप में कार्य करते रहें।

विशेष ध्यान देने की बात करते हुए संत पापा ने इताली सिविल सेवा परियोजना एवं शिक्षा को समर्थन देने का आग्रह किया, जिसके तहत बच्चे, युवा, विकलांग, हाशिये पर जीवन यापन करने वाले तथा जरूरतमंद लोग आते हैं। उन्हें भूकम्प पीड़ितों की मदद हेतु विशेष पहल करने की अपील की। 

संत पापा ये युवाओं को मानवता के सच्चे आदर्श येसु का अनुसरण करने की सलाह दी। जिन्होंने दूसरों के खातिर अपना जीवन ही अर्पित कर दिया है। 








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