2016-11-24 10:00:00

प्रेरक मोतीः सन्त एन्ड्रयू दुँग लाक


वाटिकन सिटी, 24 नवम्बर सन् 2016:

24 नवम्बर को कलीसिया सन्त एन्ड्रयू दुँग लाक का पर्व मनाती है। लिखित रिपोर्टों के अनुसार, 16 वीं शताब्दी से लेकर 1866 ई. तक वियतनाम के लोगों ने कुछेक धार्मिक परिवारों के मिशनरी प्रयासों के फलस्वरूप सुसमाचार का सन्देश सुना था तथा प्रताड़ना एवं मौत की धमकियों के बावजूद कईयों ने  ख्रीस्तीय धर्म का आलिंगन कर लिया था।

सन् 1988 ई. के जून माह की 19 तारीख को सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने 18 वीं शताब्दी के दौरान धर्म पालन और विश्वास के ख़ातिर मौत के घाट उतारे गये 117 प्रभु सेवकों को सन्त घोषित कर वेदी का सम्मान प्रदान किया था। इनमें 96वें प्रभु सेवक वियतनाम के थे, 11 मिशनरी स्पेन में जन्में तथा "ऑर्डर ऑफ प्रीचर्स" नामक धर्मसमाज के सदस्य थे तथा दस मिशनरी फ्राँस में जन्में थे और "पेरिस फॉरन मिशन सोसाईटी" नामक धर्मसंघ के सदस्य थे। 117 घोषित सन्तों में स्पेन एवं फ्राँस के आठ धर्माध्यक्ष, पचास पुरोहित (13 यूरोपीय एवं 37 वियतनामी) तथा 59 सन्त, लोकधर्मी विश्वासी थे।

इन शहीदों ने केवल कलीसिया के लिये नहीं बल्कि देश के लिये भी अपने प्राणों की आहुति दी। उनके जीवन से यह स्पष्ट झलकता है कि वे चाहते थे कि येसु ख्रीस्त का सुसमाचार उनकी मातृभूमि और उनके लोगों में जड़ पकड़े तथा वियतनाम के लिये शांति, मैत्री और न्याय के फल उत्पन्न करे। 01 जून, सन् 1989 ई. में इन सन्तों के नाम सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के शहीदनामे तथा धर्मविधिक पंचांग में अंकित कर दिये गये थे। 24 नवम्बर को इन सन्तों का पर्व मनाया जाता है। इनकी स्मृति में हम येसु ख्रीस्त में अपने विश्वास को सुदृढ़ करने के लिये प्रार्थना करें।          

चिन्तनः धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण अत्याचार सहते हैं! स्वर्गराज्य उन्हीं का है। धन्य हो तुम, जब लोग मेरे कारण तुम्हारा अपमान करते हैं, तुम पर अत्याचार करते औ     र तरह-तरह के झूठे दोष लगाते हैं। खुश हो और आनन्द मनाओ – स्वर्ग में तुम्हें महान पुरस्कार प्राप्त होगा" (सन्त मत्ती, 5:10-12)। 

 








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