वाटिकन सिटी, सोमवार, 14 नवम्बर 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों को स्मरण दिलाया कि मानव निर्मित अति पवित्र वस्तु भी अल्पकालिक है तथा उन्हें सचेत किया कि वे उस पर अथवा झूठे मसीह पर अपनी आस्था अर्पित न करें जो लोगों को अपनी सुरक्षा हेतु चिंतित कराता है।
रविवार को देवदूत प्रार्थना हेतु संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र विश्वासियों को सम्बोधित कर संत पापा ने कहा कि हमारी एक ही निश्चितता है कि हमारा जीवन ईश्वर के हाथों में है और वे हमें कभी नहीं छोड़ेंगे।
सुसमाचार पाठ जहाँ येसु मंदिर के विनाश तथा अंतिम समय की बात करते हैं उस पर चिंतन करते हुए उन्होंने कहा, ″यदि हम अपना जीवन प्रभु के हाथों अर्पित कर देते हैं तो हमारा कुछ नहीं खो सकता है।″
आधुनिक युग में प्रकट होने वाले झूठे मसीहों पर टिप्पणी करते हुए संत पापा ने कहा कि जो लोग सुरक्षा की मानवीय आवश्यकता हेतु चिंतित हैं वे युद्ध, क्रांति और प्राकृतिक आपदा से भयभीत न हों क्योंकि ये घटनाएँ भी संसार की ही वास्तविकताओं में से हैं।
उन्होंने कलीसिया के इतिहास का स्मरण दिलाते हुए कहा कि ईश्वर पर पूर्ण भरोसा करने के कारण उस समय भी विश्वासियों को घोर संकट एवं यंत्रणा से होकर गुजरना पड़ा था। ″वे निष्ठावान पिता हैं, अच्छी देखभाल करने वाले पिता जो अपने बच्चों को कभी नहीं त्यागते हैं।″
सबसे महत्वपूर्ण है प्रभु के सम्मुख दृढ़ता से खड़ा होना, आशा के साथ आगे बढ़ना तथा कठिनाईयों, एवं उदासी भरे क्षणों के बावजूद बेहतर विश्व के निर्माण हेतु कार्य करते रहना।
करुणा के पवित्र द्वार के समापन की ओर इशारा करते हुए संत पापा ने कहा कि एक ओर पवित्र द्वार ने हमें ईश राज्य की परिपूर्णता की ओर दृष्टि गड़ाने का अह्वान किया है वहीं दूसरी ओर, पृथ्वी पर भविष्य का निर्माण करना तथा वर्तमान में सुसमाचार के प्रचार हेतु कार्य करना है ताकि यह सभी के लिए मुक्ति का समय बन सके।
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