वाटिकन सिटी, बुधवार, 9 नवम्बर 2016 (सेदोक): वाटिकन में दुर्लभ रोगों से प्रभावित व्यक्तियों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए एक सम्मेलन का आयोजन किया गया है जिसका लक्ष्य विश्व के कई दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन यापन करनेवाले ग़रीब एवं कमज़ोर लोगों की दुर्दशा को उजागर करना है।
10 से 12 नवम्बर तक जारी रहनेवाला उक्त सम्मेलन वाटिकन स्थित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की प्रेरिताई सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद के तत्वाधान में आयोजित किया गया है। सम्मेलन का शीर्षक हैः "दुर्लभ और उपेक्षित विकृतियों से पीड़ित लोगों की सेवा का स्वागत करती तथा उनकी सहायता को तत्पर स्वास्थ्य की संस्कृति की ओर"।
परिषद के महासचिव मान्यवर जाँ मारी मूपेनदावातू ने कहा कि करुणा को समर्पित वर्ष को दृष्टिगत रखते हुए इस तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि रोगियों की सेवा करना विगत 2000 वर्षों से काथलिक कलीसिया का मिशन रहा है इसलिये आज कलीसिया इस विषय पर प्रस्तुत चुनौतियों का शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं प्रेरितिक उत्तर प्रदान करने की स्थिति में है।
मान्यवर जाँ मारी मूपेनदावातू ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार रोग दुर्लभ तब कहलाता है जब 2000 में से एक व्यक्ति किसी रोग से प्रभावित होता है। आज 5000 से लेकर 8000 तक रोग ऐसे हैं जिन्हें दुर्लभ परिभाषित किया जा सकता है, इनमें से 80% का मूल अनुवांशिक या प्रजनक है।
उपेक्षित रोगों के प्रति ध्यान आकर्षित कराते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के रोगों से विश्व के कम से कम 40 करोड़ लोग पीड़ित हैं और इनमें 50 प्रतिशत बच्चे हैं। इन रोगों में अधिकांश रोग संक्रामक रोग हैं जो उष्णकटीबन्धीय जलवायु वाले क्षेत्रों में पाये जाते हैं। साथ ही उन क्षेत्रों में भी जहाँ लोगों को स्वच्छ जल और स्वास्थ्य एवं सफाई आदि सेवाएँ उपलब्ध नहीं हैं। मान्यवर मूपेनदावात ने कहा कि ये रोग केवल चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी चुनौतियाँ ही नहीं अपितु सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनैतिक चुनौती भी प्रस्तुत करते हैं तथा जिसके लिये विश्वव्यापी स्तर पर प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।
मान्यवर मूपेनदावात ने बताया कि सम्मेलन उन्नत अनुसन्धान के साथ-साथ रोगियों के मूलभूत अधिकार एवं उनकी प्रतिष्ठा को सुनिश्चित्त करने पर भी ध्यान केन्द्रित करेगा।
सम्मेलन में विश्व के रोग विशेषज्ञ, शोधकर्ता तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विद्धान भाग ले रहे हैं। इसका समापन वाटिकन स्थित सन्त पापा पौल षष्टम भवन में सन्त पापा फ्रांसिस के सम्बोधन से होगा जिसमें लगभग 5000 रोगी एवं उनके परिजन भी उपस्थित रहेंगे।
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