वाटिकन सिटी, सोमवार, 7 नवम्बर 2016 (वीआर सेदोक): कैदियों एवं कैदखानों में कार्यरत लोगों के लिए आयोजित करुणा की जयन्ती के उपलक्ष्य में ख्रीस्तयाग अर्पित करने के उपरांत, संत पापा ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में विश्वासियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया जहाँ उन्होंने विश्व के सभी कैदखानों में जीवन स्तर को बेहतर किये जाने की अपील की ताकि कैदियों की मानव प्रतिष्ठा का सम्मान किया जा सके।
उन्होंने अपराधिक न्याय प्रणाली की आवश्यकता बतलायी जो न केवल दंडात्मक हो किन्तु आशा के लिए खुली तथा अपराधी को समाज में पुनः स्वीकार किये जाने के अनुकूल परिस्थिति प्रदान करे।
उन्होंने कहा, ″खासकर, मैं सभी देशों के बड़े नागरिक अधिकारियों के सामने यह विचार रखता हूँ कि करुणा के इस पवित्र वर्ष में कैदियों को भी इस दया का पात्र माना जाए।″
संत पापा ने रविवार को पृथ्वी की जलवायु पर पेरिस समझौता की भी याद की जिसे शुक्रवार को लागू किया गया है। उन्होंने कहा, ″यह शुरूआत प्रमाणित करता है कि सृष्टि की रक्षा एवं मानव को एक साथ काम करने तथा अर्थव्यवस्था को न्याय एवं शांति के निर्माण हेतु लोगों की सेवा में लगाने की क्षमता है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि जलवायु पर सम्मेलन जो सोमवार को मोरक्को के माराकेच शहर में शुरू होने वाला है उसे आम घर की देखभाल हेतु आगे बढ़ाया जा सकेगा।
देवदूत प्रार्थना के दौरान संत पापा ने अल्बानिया के शकोद्रा में शनिवार को धन्य घोषित 38 शहीदों का स्मरण कर कहा कि, ″उन्होंने ख्रीस्त और कलीसिया के प्रति विश्वस्त रहने के लिए कैदखाने में डाले जाने, प्रताड़ित किये जाने एवं अंततः मौत के घाट उतारे जाने को स्वीकार किया।″
उन्होंने कहा, ″उनका आदर्श उदाहरण हमें प्रभु में बल प्राप्त करने में मदद करे जो हमें संकट की घड़ी सहायता देता एवं दया, क्षमा तथा शांति के कार्यों के लिए प्रेरित करता है।″
All the contents on this site are copyrighted ©. |