2016-11-05 15:50:00

लुथेरन कलीसिया के प्रति संत पापा के खुलेपन की सराहना


लाहौर, शनिवार, 5 नवम्बर 2016 (एशियान्यूज़): पाकिस्तान की अंगलिकन कलीसिया ने प्रोटेस्टंट सुधारवाद की पाँचवीं शतवर्षीय जयन्ती पर संत पापा फ्राँसिस द्वारा स्वीडेन की प्रेरितिक यात्रा की सराहना की। 

उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान स्थित पेशावर के अंगलिकन ऑर्थोडोक्स धर्माध्यक्ष एरनेस्ट जेकब ने एशियान्यूज़ से कहा, ″सदियों की खाई पर सेतु के निर्माण हेतु में संत पापा की व्यक्तिगत रूप से सराहना करता हूँ। यह ख्रीस्तीय एकता आंदोलन के लिए एक बहुत बड़ा कदम है।″ 

उन्होंने कहा, ″प्यू रिसर्च सेंटर की भविष्यवाणी अनुसार इस शताब्दी के अंत तक इस्लाम धर्म, ईसाई धर्म से आगे निकल जायेगा। हम विभाजित होकर रहना बर्दाश्त नहीं कर सकते। पाकिस्तान के ख्रीस्तीय पहले से ही अल्पसंख्यक हैं तथा काथलिकों एवं प्रोटेस्टंटों के बीच आम विवाह का प्रचलन है। संघर्ष क्षेत्रों में आतंकवादियों को संदेश देने के लिए कलीसिया के धर्मगुरू संयुक्त समारोहों, प्रेस सम्मेलन तथा अंतिम संस्कारों में भाग लेते रहे हैं।″ 

उन्होंने कहा कि हम पीड़ा एवं अत्याचार के शिकार हमारे पड़ोसियों के लिए संयुक्त धर्मविधियों के अनुष्ठान द्वारा एक-दूसरे के करीब आ चुके हैं। वार्ता एवं साक्ष्य द्वारा हम अब एक-दूसरे से अपरिचित नहीं रह गये हैं। 

पाकिस्तान में चर्चों की राष्ट्रीय परिषद के महासचिव विक्टर अज़ारियाह ने कहा, ″पाकिस्तान के प्रोटेस्टंट पाकिस्तान की कलीसिया का प्रतिनिधित्व करते हैं। अंगलिकन, मेथोडिस्ट, लुथेरन तथा स्कोटलैंड की कलीसिया सन् 1970 से ही एक साथ आ चुके हैं।

उन्होंने कहा कि येसु ने किसी प्रकार के सम्प्रदाय की रचना नहीं की थी उन्होंने सुसमाचार का प्रचार किया था। संत पापा फ्राँसिस के पूर्वाधिकारी भी ख्रीस्तीय भाईचारा का समर्थन किया था किन्तु ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता में वे अधिक गंभीर हैं। हम इस सप्ताह हुए असाधारण घटना का सहर्ष स्वागत करते हैं। लोगों को कलीसिया के लिए इसके अर्थ को समझना और इसका अनुसरण करना चाहिए।

उन्होंने स्मरण याद किया कि बेलजियन मिशनरी फा. हेनरी ने पाकिस्तान में एक केंद्र की स्थापना की है जो करीब 1 लाख काथलिकों एवं प्रोटेस्टंटों का आवास है। 








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