वाटिकन रेडियो, सोमवार, 31 अक्टूबर 2016 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 30 अक्टूबर को देवदूत प्रार्थना के पूर्व विश्व के कोने-कोने से आये विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को रविवारीय सुसमाचार पाठ के आधार पर जकेयुस के जीवन की चर्चा करते हुए अपना प्रेरितिक संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि जकेयुस एक नाकेदार और पापी था लेकिन येसु उसके पास जाकर भोजन करते हैं। वह अपने कद में छोटा था लेकिन उसके हृदय में येसु को देखने की तीव्र इच्छा थी अतः वह उन्हें देखने हेतु उस गूलर के पेड़ पर चढ़ गया जिधर से होकर येसु गुजरने वाले थे। येसु उसके पास आते और कहते हैं, “जकेयुस जल्दी नीचे आओ क्योंकि मैं तुम्हारे घर में मेहमान आने वाला हूँ।”
हम जकेयुस के आश्चर्य भरे मनोभावों की कल्पना नहीं कर सकते हैं। संत पापा ने कहा, “येसु का प्रेरितिक कार्य पूरे विश्व को अपने में समाहित करता है जो उन्हें पिता की ओर से मिला है जिसे वे येरुसलेम में अपने क्रूस मरण और पुनरुत्थान द्वारा पूरा करते हैं। यह जकेयुस को भी अपने आगोश में कर लेता है जो कि बेईमान और लोगों के द्वारा घृणा की नज़रों से देखा जाता है। उन्होंने कहा कि येसु की नजरें हमारे पापों और पूर्वाग्रहों के परे जातीं हैं। वे हमें ईश्वर की नज़रों से देखते हैं जो हमारे अतीत के पापों का हिसाब नहीं करता वरन् भविष्य के अच्छाइयों की ओर देखने में हमें मदद करता है। लेकिन धर्मग्रंथ में हम सुनते हैं कि येसु का जकेयुस के घर जाना लोगों के बीच टीका-टिप्पणी का कारण बनता है, “वह पापी के घर गया।” जकेयुस लोगों के लिए खलनायक है क्योंकि वह अपनी बेईमानी के कारण धनी बना है। संत पापा ने कहा,“येसु यदि जकेयुस से कहते ऐ धोखेबाज नीचे उतरो और मुझे अपना हिसाब-किताब दो, तो लोग खुश होते और निश्चय ही तालियाँ बजते। लेकिन इसके बदले येसु एक पापी और बेईमान के घर जाते हैं।”
उन्होंने कहा कि यद्यपि हम पापियों को सही रास्ते में लाने हेतु डाँटते और गालियां देते हैं लेकिन येसु के मनोभाव एकदम अगल हैं। उनकी नजरें हमारे पापों और पूर्वाग्रहों से दूर जाती हैं जो कि महत्वपूर्ण है। हमें इसे सीखने की जरूरत है। वे हमें ईश्वरीय नज़रों से देखते हैं जो हमारे अतीत के पापों को नहीं लेकिन भविष्य की ओर, अपने असल महत्व को देखने में मदद करता है। ईश्वर हमारी गलतियों के बावजूद हमारी अच्छाइयों को देखते हैं। वे अपने खुले हृदय से हमारे हृदयों की ओर देखते हैं जो हममें आश्चर्य के भाव उत्पन्न करता और अपने में सुधार लाते हुए अच्छा बनने को मदद करता है। संत पापा ने कहा कि हम सभों में कुछ न कुछ खाम्मियाँ हैं लेकिन येसु अपने प्रेम में हमारी उन तुष्टियों से भी अच्छी चीजें निकालते हैं।
इतना कहते के बाद संत पापा ने माता मरिया की मध्यस्था द्वारा प्रार्थना करते हुए कहा कि माता मरिया हम सबों की सहायता करे जिससे हम लोगों में अच्छाइयों को देख सकें विशेषकर जिन से हम अपने दैनिक जीवन में रोज दिन मिलते हैं जिससे वे ईश्वर के प्रतिरूप जीवन जीने को प्रोत्साहित हो सकें।
इतना कहने के बाद उन्होंने विश्वासियों और तीर्थयात्रियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया और अपनी स्वीडेन की प्रेरितिक यात्रा की सफलता हेतु लोगों से प्रार्थना का निवदेन करते हुए सभों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
All the contents on this site are copyrighted ©. |