2016-10-28 16:07:00

संत पापा ने मानव व्यापार के शिकार लोगों से मुलाकात की


वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2016 (वी आर) संत पापा फ्राँसिस ने गुरुवार को देह व्यापार के विरुद संघर्षरत अन्तराष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों से मुलाकात की।

“संत मार्था” समुदाय ने काथलिक कलीसिया और विश्व के नीति निर्धारण समितियों के साथ मिलकर मानव व्यापार मुद्दे पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जिसकी स्थापना सन् 2014 में की गई थी। अपनी मुलाकात के दौरान संत पापा ने समुदाय के धर्मध्यक्षों और धर्मबन्धुओं, पुलिस और सुरक्षा के अधिकारियों को उनकी सहभागिता और आधुनिक समय की गुलामी को खत्म करने में उनके सहयोग की प्रशंसा करते हुए कहा कि मानव व्यापार वर्तमान समय में हमारे लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है।

उन्होंने कहा कि मानव व्यापार के शिकार लोगों की संख्या में प्रति वर्ष इजाफा होता है अतः इसके शिकार लोगों की सहायता और इस जटिल समस्या की रोकथाम जरूरी है जो लोगों का शोषण करती है। कार्डिलन निकोल्स ने संवाददाताओं को बतलाता कि समुदाय ने संत पापा को एक रिपोर्ट सौंपा है जिसमें “संत मार्था” समुदाय के सकारात्मक विकास के अलावे 30 देशों में इसके प्रचार प्रसार और विकास का विवरण है।

रिपोर्ट में इस बात का जिक्र मुख्य रुप से किया गया है कि मानव दासता और देह व्यापार अब पहले की तरह गुप्त नहीं रह गया है। संत पापा इसे मानवता के शरीर में खुले जख्म की संज्ञा देते हैं।

सम्मेलन के अंतिम दिन समुदाय के मुख्य संस्थापकों में से एक वेस्टमिनिस्ट के कार्डिनल विन्सेट निकोलस ने मानव व्यापार से बचाये गये दो युवाओं के साथ वाटिकन रेडियो कार्यकर्ता फिलिप्पा हिचेने के साथ अपनी भेंटवार्ता की और अपने अनुभवों और कार्य में विकास की बातों को साझा किया।

मानव व्यापार से मुक्त नाजीरिया की प्रिसेस ईनयाग जो सन् 1999 में इटली में देह व्यापार का शिकार हूई थी, एक पुरोहित की मदद से इस चुंगल से बचायी गई जो पूर्वी शहर आस्ती में कार्यरत हैं। सम्मेलन के दौरान अपनी दुर्दशा को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मानव व्यापार के शिकार हुए लोगों को अपना देश वापस भेजने के साथ-साथ और अधिक शिक्षा तथा कार्यकुशल प्रशिक्षण देने की जरूरत है।

सियेरा लियोने के आल बांगुरा जो प्रीमियर लीग के खिलाड़ी रह चुके हैं जो देह व्यापार से बच निकले,वर्तमान में लोगों को देह व्यापारियों से बचाने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें झूठे स्वप्न दिखाकर इग्लैण्ड लिया गया था लेकिन वे देह व्यापरियो के चुंगल के बच निकले और फिलहाल यूके में स्वतंत्रता हेतु खेल सेवा संस्था में एक राजदूत की सेवा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपनी कहनी लोगों को बतलाना चाहता हूँ। मैं बच्चों को शिक्षित करना चाहता हूँ और अभिभावकों से बातें करना चाहता हूँ जो अपने बच्चों से बहुत बड़ी आशा रखते हैं हम सरकार के साथ मिलकर कर कार्य करते हुए इस बात का ध्यान रखते हैं कि बच्चे सही रास्ते पर चल रहे हैं। हम इस गुलामी को खत्म करना चाहते हैं। 








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