2016-10-25 17:01:00

ईश्वर का राज्य विनम्रता में विकसित होता है


वाटिकन सिटी, 25 अक्टूबर 2016 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के अपने निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में मंगलवार प्रातःकालीन मिस्सा बलिदान के दौरान संरचना और संगठन प्ररुपों के बारे में सचेत करते हुए कहा कि ईश्वर के राज्य विस्तार हेतु हमें विनम्रता में होने की आवश्यकता है।

संत पापा ने अपने प्रवचन की शुरूआत करते हुए कहा कि “धन्य हैं वे जो ईश्वर के नियमों के अनुसार चलते हैं।” उन्होंने कहा की ईश्वर का राज्य एक निश्चित प्ररूप नहीं वरन् यह प्रति दिन विभिन्न रुपों में हमारे बीच आता है। उन्होंने कहा कि ईश्वर का राज्य हमारे लिए क्या है? शायद यह एक सुनियोजित एक अच्छा प्ररूप, संगठन है और जो इसके अंग नहीं होते वे ईश्वरीय राज्य से अलग हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं कि ईश्वर का राज्य कठोर और निर्धारित नियमावली के समान है वरन् ईश्वर का राज्य रोज दिन हमारे जीवन में आता है।

येसु रोज़मर्रे की जीवन में उपयोग होने वाली चीजों को लेकर ईश्वरीय राज्य की व्याख्या करते हैं। यह खमीर के समान है जो खमीर नहीं रह जाता क्योंकि यह आटा से घुलमिल जाता है। यह बीज के सामान हैं लेकिन यह बीज नहीं रह जाता क्योंकि यह मर कर नये जीवन एक पेड़ में परिणत हो जाता है। खमीर और बीज अपने में मर कर बदल जाते हैं। यहाँ हमारे लिए छोटा और बड़ा का सवाल नहीं है वरन् हमें अपने जीवन में आगे बढ़ते जाने का है जो हमारे लिए परिवर्तन की बयार ले कर आती है।

संत पापा ने कहा कि जो नीति और नियमों को देखता लेकिन उसके अनुसार नहीं चलता है वह अपने में जड़ित है। ईश्वरीय राज्य के विकास हेतु येसु हमसे नम्रता की माँग करते हैं। ईश्वर का राज्य पवित्र आत्मा के साथ विनम्रता में विकसित होता है। खमीर अपनी विनम्रता में रोटी में परिवर्तित हो जाता है और सभों के लिए भोजन के रुप में उपलब्ध होता है।

संत पापा ने कहा हम जो पवित्र आत्मा के प्रति विनम्र रहते हैं विभिन्न प्रकार के उपहारों से भर दिये जाते हैं। बीज अपने में नम्र है जिसके कारण वह अपने असल रुप को खो कर एक पेड़ के रूप में बदल जाता है। इसी प्रकार हमारे लिए ईश्वर का राज्य है जो परिवर्तित होता है। संत पापा ने कहा कि यदि हम नम्रता में नहीं बढ़ते तो हम अपनी जड़ता में पितृविहीन अनाथ संतान की तरह रह जाते हैं।

ईश्वर का राज्य माता के समान है जो अपने बच्चों को भोजन और आश्रय प्रदान करती है। हम पवित्र आत्मा से निवदेन करें कि वे हमें विनम्रता का गुण प्रदान करें जिससे हम खमीर और बीज की तरह परिवर्तित होते हुए नये जीवन को धारण कर सकें। 








All the contents on this site are copyrighted ©.