2016-10-22 16:44:00

विश्वास के साहसी साक्षी संत पापा जॉन पौल द्वितीय


वाटिकन सिटी, शनिवार, 22 अक्तूबर 2016 (वीआर सेदोक): करुणा की जयन्ती के उपलक्ष्य में विशेष आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने संत पापा जॉन पौल द्वितीय की याद की तथा पोलैंड से आये तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया।
उन्होंने कहा, ″आज से ठीक तीस साल पहले इसी समय में, इस प्राँगण में विश्वासियों को यह कहते हुए अभिवादन सुनाई पड़ा था, डरो मत, ख्रीस्त के द्वार को चौड़ा खोलो।″ संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने ये शब्द संत पापा बनने के आरम्भिक दिनों में कही थी।

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि वे गहरी आध्यात्मिकता के व्यक्ति थे जो पोलैंड के हजारों साल के इतिहास एवं विश्वास के मनोभाव से सांस्कृतिक धरोहर के पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित किये जाने का परिणाम है।

यह विरासत उनके लिए आशा, शक्ति एवं साहस का स्रोत था जो संसार से ख्रीस्त के लिए द्वार को विस्तृत खुला करने की अपील करता है। यह निमंत्रण विश्व एवं लोगों के लिए सुसमाचार की निरंतर घोषणा बन गयी है जिसका सिलसिला इस वर्ष करुणा की जयन्ती है।

संत पापा ने शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि प्रभु उन्हें उनके विश्वास, आशा तथा प्रेम में सुदृढ़ रहने की कृपा प्रदान करे जिसको उन्होंने अपने पूर्वजों से पाया है तथा सावधानी से अपने मन और हृदय में संजोकर रखा है।

उन्होंने कहा, ″आपके देश के ऐसे महान व्यक्ति का आह्वान आपके दिल में करुणा की भावना उत्पन्न करे ताकि आप ख्रीस्त के प्रेम का साक्ष्य सभी जरूतमंद व्यक्तियों की मदद द्वारा दे सकें।″  

संत पापा ने उपस्थित सभी युवा, बीमार एवं नव दम्पतियों का अभिवादन किया तथा उन्हें संत पापा जॉन पौल द्वितीय के आदर्शों पर चलने की सलाह दी। 

 








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