2016-10-22 16:16:00

कस्तेल गांदोल्फो स्थित पोप आवास सार्वजनिक दर्शन हेतु खुला


रोम, शनिवार, 22 अक्तूबर 2016 (वीआर सेदोक): रोम के कस्तेल गांदोल्फो स्थित पोप आवास वर्षों से संत पापाओं के लिए ग्रीष्म अवकाश का घर माना जाता रहा है किन्तु यह इतिहास में पहली बार है जब इसे 22 अक्तूबर से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है।

रोम की पहाड़ियों पर बसे इस आवास ने सदियों से संत पापाओं को ग्रीष्म के समय विश्राम एवं आश्रय प्रदान किया है जब वे कार्यालय के कार्यों से अपने को मुक्त रखना चाहते थे। 

यहाँ विश्राम करने वालों में संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें अंतिम संत पापा हैं। वर्तमान संत पापा फ्राँसिस ने इसे जनता के लिए सार्वजनिक रूप से खोल देने की अनुमति दी है। जिसके तहत विल्ला बारबेरिनी एवं संत पापाओं के फोटो गैलरी का भी दर्शन किया जा सकेगा।

पर्यटकों तथा कलीसियाई कला एवं इतिहास प्रेमियों के लिए यहाँ सैर करना एक सुनहरा अवसर होगा। यहाँ एक स्वीस सभागार तथा झील के आकर्षक दृश्य के साथ सिंहासन कक्ष है। संत पापा का आरक्षित कक्ष लोगों का ध्यान अधिक आकर्षित कर सकता है जहाँ संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें व्यक्तिगत अध्ययन करते थे और जहाँ उन्होंने अपना पेंसिल और रबर आदि अब तक छोड़ रखा है। वहाँ एक छोटा प्रार्थनालय भी है।

सार्वजनिक रूप से खोल दिये जाने के बाद भी क्या यह घर संत पापाओं का ग्रीष्म आवास बना रहेगा? इस सवाल के उत्तर में वाटिकन संग्रहाध्यक्ष सांद्रो बारबागाल्लो ने कहा, ″संत पापा फ्राँसिस के समान ही कई संत पापाओं ने यहाँ निवास नहीं किया है इस दृष्टिकोण से संत पापा फ्राँसिस का निर्णय उनका अपना है हम इसे स्वीकार करने के अलावा कुछ नहीं कर सकते हैं। फिर भी, उनके इस निर्णय का अर्थ कास्तेल गांदोल्फो का ग्रीष्म अवकाश के रूप में प्रयोग का अंत नहीं है।″  

इस ऐतिहासिक उद्घाटन के सम्मान में चीन के गुआंगज़ौ ओपेरा हाउस ने लोकप्रिय चीनी संगीत″ब्यूटी यूनाईटस आस″का प्रदर्शन किया।

कास्तेल गांदोल्फो शहर के लिए यह गर्व की बात थी कि संत पापाओं ने उस स्थान को अपने ग्रीष्म अवकाश लिए चुना था किन्तु इस तरह इसे खोल दिये जाने पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया है पूछे जाने पर, स्तेफन नामक एक स्थानीय चाय वाले ने कहा, ″यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना है क्योंकि यह सच्चाई को दिखाता है हम कह सकते हैं कि संत पापा ने अपने आवास को खोला है किन्तु यह ऐसा प्रतीत होता है कि संत पापाओं का यहाँ आना अब बंद हो जायेगा जिसके लिए हम दुःखी हैं। कौन जानता है कि भविष्य में कोई संत पापा यहाँ फिर से आना चाहें?








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