2016-10-20 16:18:00

मोसुल में संघर्ष के कारण नागरिकों की भारी क्षति का अनुमान


ईराक, बृहस्पतिवार, 20 अक्तूबर 2016 (वीआर सेदोक): काथलिक उदारता एवं विकास संगठन, कारितास अंतरराष्ट्रीय ने ईराक के मोसुल शहर में युद्ध के कारण लोगों के भारी हताहत होने की चेतावनी दी है। उन्होंने इस्लामिक स्टेट आतंकवादियों से मुक्ति पाने हेतु युद्ध से इन्कार किया है।

वैश्विक करीतास परिसंघ के महासचिव मिशेल रॉय ने विश्व के नेताओं को दोहरे मानक का दोषी करार दिया है तथा कहा है कि उन्होंने सीरिया और ईराक के राष्ट्रीय हितों पर अधिक ध्यान दिया है जबकि उन्हें उन देशों के नागरिकों पर खास ध्यान देना चाहिए था।

वाटिकन रेडियो से बातें करते हुए रोय ने अपनी आशंका व्यक्त की कि मोसुल में 1,250,000 नागरिक हैं अतः जो संघर्ष इस समय शुरू हो रहा है इसका अर्थ है कि मोसुल में बहुत अधिक नागरिक मार डाले जायेंगे।

उनकी ये बात ऐसे समय में सामने आयी है जब बुधवार को शहर से हज़ारों लोगों ने पलायन किया जब शहर को इस्लामिक स्टेट के नियंत्रण से छुड़ाने हेतु वहाँ इराकी सैनिकों और टैंकों को ले जाया गया।

मोसुल में ″साफ युद्ध″ की तुलना सीरिया के अल्लेपो शहर से करते हुए रोय ने कहा, ″वहाँ जो हो रहा है उसपर दोहरे मापदंड नहीं होना चाहिए।″ उन्होंने कहा कि अलेप्पो में लोग मर रहे है, उन्हें अत्यधिक कष्ट सहना पड़ रहा है एवं युद्ध संकट की स्थिति है। दूसरी ओर, अब मोसुल में भी लोग मृत्यु एवं पीड़ा के शिकार होंगे क्योंकि हम इस पर उदासीन बने हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी भी अपनी कमर कस रही है क्योंकि संघर्ष के कारण भारी मानवीय संकट उत्पन्न हो सकती है।

करीतास महासचिव ने अमरीका, यूरोपीय संघ एवं रूस जैसे मुख्य शक्तियों को युद्ध एवं बम रोकने की अपील की है क्योंकि इसके द्वारा आगे बढ़ा नहीं जा सकता। उन्होंने यह स्वीकार किया कि इस्लामिक स्टेट एक बड़ा आतंकी मसला है किन्तु उन्होंने आशा व्यक्त की कि वे भी कभी न कभी बैठकर जरूर बात करना मंजूर करेंगे।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमरीका तथा रूस, मध्यपूर्व के लिए जो करना चाहते हैं उसमें मध्य पूर्व के लोगों की अच्छाई नहीं है इसमें मात्र उन्हीं का स्वार्थ है जिसे रोका जाना चाहिए। संत पापा के शब्दों का हवाला देते हुए उन्होंने विश्व के नेताओं से अपील की कि वे चीजों को अलग नज़रिये से देखें तथा पूरे क्षेत्र के लोगों की भलाई हेतु दलों को समझौता की मेज पर लायें।

करीतास अधिकारी ने लेबनान सिविल युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि इसका अंत 1995 में हो गया जिसका अनुसरण सीरिया को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें एक साथ बैठकर भविष्य पर विचार करना चाहिए और विश्व समुदाय द्वारा उसे प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। उन्हें लोगों के लिए निर्णय नहीं करना चाहिए विशेषकर, सीरिया के लिए क्योंकि यदि वे लोगों के लिए निर्णय करते रहेंगे तो युद्ध का अन्त कभी नहीं होगा।








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