2016-10-17 16:23:00

ख्रीस्तीयों एवं दाओवादियों के बीच अंतरधार्मिक वार्ता हेतु सम्मेलन


ताईवान, सोमवार, 17 अक्तूबर 2016 (वीआर सेदोक): ताईवान में ख्रीस्तीयों एवं ताओवाद के समर्थकों ने 14 से 16 अक्तूबर तक आयोजित अंतरराष्ट्रीय अंतरधार्मिक वार्ता की पहली सभा में भाग लिया। सम्मेलन का आयोजन ताइपे बाओन मंदिर फाउंडेशन, अंतरधार्मिक वार्ता हेतु बनी परमधर्मपीठीय समिति तथा चीन के प्रांतीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सी आर बी सी) की संयुक्त पहल द्वारा की गयी थी। सम्मेलन की विषयवस्तु थी, ″एक साथ सच्चाई की खोज: ताओवादी-ख्रीस्तीय वार्ता।″   

सम्मेलन के अंत में एक संयुक्त घोषणा की गयी जिसमें अंतरधार्मिक वार्ता के प्रति प्रतिबद्धता का समर्थन किया गया।

संयुक्त घोषणा इस प्रकार थी, ″ईश्वर की कृपा एवं दया से हम ख्रीस्तीय तथा दाओवादी गुरु, खोज कर्ता एवं धर्म मानने वाले, 15 से 16 अक्तूबर 2016 तक ताइपे बाओन मंदिर में आयोजित ऐतिहासिक सम्मेलन में भाग लेने एकत्रित हैं। सम्मेलन की विषयवस्तु, एक साथ सच्चाई की खोज: ताओवादी-ख्रीस्तीय वार्ता। सम्मेलन को अंतरधार्मिक वार्ता हेतु बनी परमधर्मपीठीय समिति, ताईवान की स्थानीय कलीसिया, ताइपे बाओन मंदिर, एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासंघ तथा कलीसियाओं की विश्व परिषद ने ठोस रूप दिया है।″

2. इस मुलाकात से प्रोत्साहित होकर, हम वार्ता के परिणाम को बांटने के लिए समर्पित हैं।

- हम एक-दूसरे की परम्परा के प्रति गहरे सम्मान की भावना व्यक्त करते तथा स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्ता में ईमानदारी पूर्वक भाग लेने हेतु सहमत हैं।

- बेहतर समझदारी, आपसी समृद्धि एवं सहयोग, विशेषकर, बिना भेदभाव के दयालु कार्यों द्वारा सच्चाई की खोज की आवश्यकता पर बल देंगे।

- विश्व की आधुनिक चुनौतियों भूमंडलीकरण, अप्रवास, धार्मिक और सांस्कृतिक तनाव और चरमपंथ के उदय आदि पर ध्यान देंगे।

- उम्मीद करते हैं कि ख्रीस्तीय एवं दाओवादियों का एक साथ आना युद्ध, घृणा, अविश्वास तथा भय से तोड़ी गयी दुनिया का, एक प्रकाश स्तम्भ बनेगा।

- धर्मनिरपेक्षता, पर्यावरण संकट और उदासीनता की बीमारी के कारण आने वाली चुनौती का एक साथ सामना करेंगे।

- बच्चों की शिक्षा के महत्व पर जोर देंगे ताकि वे अपनी तथा दूसरों की संस्कृति एवं धरोहर का सम्मान एवं सराहना कर सकें।

-सार्वभौमिक मूल्यों खासकर, न्याय, शांति, एकता, भाईचारा, स्वतंत्रता तथा धार्मिक सौहार्द को प्रोत्साहन दिया जाएगा एवं उसकी रक्षा की जायेगी।

3- घोषणा के अंतिम चरण में सम्मेलन के आयोजकों एवं चीन के अधिकारियों तथा फू जेन काथलिक विश्वविद्यालय के धार्मिक अध्ययन विभाग एवं स्थानीय ख्रीस्तीयों एवं दाओवादियों के संस्थान के प्रति कृतज्ञता अर्पित की गयी। 

 








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