2016-10-12 15:51:00

भारतीय करितास ट्रांसजेंडर लोगों को भर्ती करने के लिए तैयार


नई दिल्ली, बुधवार, 12 अक्टूबर 2016 (उकान) : भारतीय करितास ने ट्रांसजेंडर लोगों के प्रति भेदभाव को रोकने के लिए अपने प्रयासों के तहत अपने संगठनों में काम करने के लिए भर्ती की योजना बनाई है।

काथलिक कलीसिया की सामाजिक सेवा विभाग ने अपनी समावेशी विकास नीति पर बातचीत के बाद 10 अक्टूबर को एक बयान में निर्णय की पुष्टि की।

भारतीय करितास के कार्यकारी निदेशक फादर फेड्रिक डिसूजा ने कहा, ″करितास ट्रांसजेंडर लोगों के साथ काम करने के लिए तैयार है यहाँ तक कि मैं उन्हें अपने संगठनों में काम करने के लिए लेने को तैयार हूँ।″

भारतीय करितास के कार्यकारी सहनिदेशक फादर पौल मून्जली ने कहा कि ट्रांसजेंडर लोगों को करितास में लेने की बात अचानक नहीं हुई है।"हम अपने विकास कार्यक्रमों के तहत ट्रांसजेंडर लोगों तक पहुंच गए हैं लेकिन मोटे तौर पर उन्हें पहचान करने में नाकाम रहे हैं तथा उनमें से कितनों को हमने मदद की है उसका आंकड़ा हमारे पास नहीं है।

सन् 2011  ई. की सरकारी जनगणना के अनुसार, भारत में  ट्रांसजेंडर लोगों की संख्या लगभग 500,000 है। सन् 2012 के संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के रिपोर्ट अनुसार उन्हें सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन, अर्थव्यवस्था और राजनीति में भाग लेने से बाहर रखा गया है।

वे सरकार के मानचित्रण या किसी भी प्रकार की जनगणना में शामिल नहीं है। अक्सर उनकी आबादी छिपी रहती है। वे समाज में सबसे कमजोर और अपने मौलिक अधिकारों से वंचित हैं।

2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इन लोगों को एक सम्मानजनक जीवन देने के लिए एक 'तीसरे लिंग का दर्जा स्वीकार किया और ट्रांसजेंडर समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिला का अधिकार दिया गया है।

संघीय सरकार वर्तमान में ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए एक कानून की योजना बना रही है। कानून का ड्राफ्ट अगस्त महीने में संसद के निचले सदन में पेश किया गय़ा था।

उड़ीसा पहला राज्य है जहाँ ट्रांसजेंडर लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए सस्ता अनाज, आवास और पेंशन की व्यवस्था है। फादर मुन्जले ने कहा कि इस मुद्दे को संवेदनशील बनाने के लिए बहुत कुछ करने की जरुरत है।








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