2016-10-11 16:16:00

संत पापा फ्राँसिसः धर्म में आडंबर और दिखावा स्वीकार्य नहीं


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 11अकटूबर 2016 (सेदोक) : ″आज येसु हमसे कह रहे हैं कि हम विनम्रता पूर्वक दूसरों की भलाई करें न कि भलाई करने का दिखावा। धर्म में आडंबर या दिखावा नहीं होना चाहिए। प्रभु हमें विनम्रता का मार्ग दिखाते हैं।″ उक्त बातें संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार 11 अक्टूबर को  संत मार्था प्रेरितिक निवास के प्रार्थनालय में प्रातःकालीन ख्रीस्तयाग के दौरान कही।

संत पापा फ्राँसिस ने संत पापा जॉन 23वें की स्मृति में ख्रीस्तयाग अर्पित किया। उन्होंने गलातियों के नाम संत पौलुस के पत्र से लिये गये पहले पाठ के आधार पर मनन चिंतन करते हुए अपने प्रवचन में कहा, ″ख्रीस्तीयों की स्वतंत्रता उनके कामों से नहीं अपितु ईश्वर से आती है। येसु हमसे कहते हैं कि हम ईश्वर की ओर से आने वाले न्याय को स्वीकार करें।″  

एक फरीसी ने येसु की आलोचना की क्योंकि उन्होने भोजन से पहले हाथ नहीं धोया था। इस पर प्रभु ने उससे कहा, ″तुम फरीसी लोग प्याले और थाली को उपर से तो माँजते हो परंतु तुम भीतर लालच और दुष्टता से भरे हुए हो। तुम सब स्वतंत्र नहीं हो क्योंकि तुमलोगों ने ईश्वर के न्याय को नहीं स्वीकारा है।

संत पापा ने कहा, सुसमाचार में हम यह भी पाते हैं येसु ने दूसरों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए जोर जोर से प्रार्थना करनेवाले और प्रशंसा पाने के लिए दिखाकर दान देते हुए फरीसियों को धिक्कारा। येसु हमें दूसरों को दिखाये बिना एकांत में प्रार्थना करने को कहते हैं। हमारी प्रार्थना में किसी तरह का आडंबर नहीं होना चाहिए। येसु हमें आंतरिक स्वतंत्रता देते हैं जिससे हम चुपचाप अच्छे काम करते रहें। येसु का मार्ग विनम्रता का मार्ग है। फिलीपियों के नाम संत पौलुस के पत्र में हम पाते हैं कि येसु ने दास का रुप धारण कर अपने को दीन-हीन बना लिया। येसु के दिखाये मार्ग पर चलकर ही हम अपने स्वार्थ, लालच, अहंकार, घमंड, सांसारिकता से उपर उठ सकते हैं। येसु ने क्रूस मरण तक आज्ञाकारी बनकर अपने को और दीन हीन बना लिया और हमें पापों से मुक्ति पाने का मार्ग दिखाया।

संत पापा ने येसु के दिखाये हुए विनम्रता के मार्ग पर आगे बढ़ने और आडंबर एवं दिखावा पर विजय पाने की कृपा माँगने की प्रेरणा दी।








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