वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2016 (वी आर) अगंलिकनों और ख्रीस्तीयों ने एक साथ मिल कर चलने और अपने कार्यों को करने हेतु नई नीति का निर्धारण किया है उक्त बातें कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेलबी ने अपनी दो दिवसीय वाटिकन यात्रा के दौरान वाटिकन रेडियो की भेंटवार्ता में कही।
संत पापा जोन पौल 6वें से अंगलिकन महाधर्माध्यक्ष माइकल रैमसे की मुलाकात की 50वीं वर्षगाँठ के अवसर पर अंगलिकन धर्मप्रान्त के अन्य 17 विश्वव्यापी प्रतिनिधिय़ों के दल ने अपने वाटिकन दौरे के दौरान काथलिक धर्माध्यक्षों से प्रेरिताई में निकटतम सहयोग पर विचार मंथन के उपरान्त बृहस्पतिवार को संत पापा फ्रांसिस से मुलाकात की। संत पापा से अपनी मुलाकात के बारे में जिक्र करने हुए महाधर्माध्यक्ष जस्टिन ने कहा कि संत पापा ने इस विचार विमार्श को “एक सुन्दर भ्रातृत्व की निशानी” कहा है।
संत पापा के वचनों को उद्धत करते हुए उन्होंने कहा, “हम एक साथ मिलकर ईश्वर से अपनी एकता के उपहार की मांग करने में कभी न थके ”। संत पापा ने कहा कि कलीसिया के नेताओं के सामने आज यह चुनौती है कि वे ईश्वर के “करुणामय स्नेह को दुनिया में प्रसारित करें जो शांति की प्यासी” है।
उन्होंने संत पापा ने नेतृत्व और उनके प्रयास के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की जिसके द्वारा अंगलिकन कलीसिया की एकता में वृद्धि हुई है। “आप ने हमें नये रुपों में ग़रीबों की सेवा करने हेतु प्रेरित किया है। मुसीबतों और कठिनाइयों में पड़े हुए लोगों के पास आप का पहुँचना हमारे लिए ख्रीस्त के उदाहरण को प्रस्तुत करता है। आप ने प्रवासियों का पक्ष लिया और गुलाम और मानव तस्करी में फँसे लोगों हेतु बचाव की पहल की है। आप ने पेरिस जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर अपना विशेष बल दिया। आप के विश्व पत्र ने रोम से दूर की कलीसियों को विश्वव्यापी रुप में प्रभावित किया है।”
अपने एक घण्टे की व्यक्तिगत मुलाकात के दौरान महाधर्माध्यक्ष ने संत पापा के साथ अपने व्यक्तिगत विचारों के साथ शांति वार्ता हेतु अपनी प्रार्थना और यौवन नैतिकता जैसे मुद्दों पर अपने विचार साक्षा किये।
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