2016-10-06 17:06:00

खेल में महान मूल्य है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए, संत पापा


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 6 अकटूबर 2016 (ववीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार को मानवता की सेवा में खेल-कूद विषय पर, खेल एवं विश्वास हेतु इस सप्ताह वाटिकन में आयोजित प्रथम वैश्विक सम्मेलन के प्रतिभागियों से मुलाकात की। इसका आयोजन संस्कृति हेतु बनी परमधर्मपीठीय समिति एवं राष्ट्रीय एकता तथा अंतरराष्ट्रीय ऑलम्पिक समिति के द्वारा आयोजित की गयी है।

संत पापा ने उन्हें सम्बोधित कर कहा, ″खेल मानव गतिविधि है जिसका बहुत महत्व है जो लोगों के जीवन को समृद्ध बना सकता है। यह सभी देशों के स्त्रियों एवं पुरुषों, जाति एवं धर्मों के लोगों द्वारा आनन्द लिया जाता है।

उन्होंने कहा, ″हमारी धार्मिक परम्पराएँ सभी मानव प्राणियों की प्रतिष्ठा के प्रति सम्मान को सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्धता है। अतः यह जानना अच्छा है कि विश्व खेल-कूद संस्थाओं ने साहस पूर्वक समावेश के मूल्यों को अपनाया है। पारालिम्पिक एवं अन्य संस्थाएँ जो भिन्न भिन्न योग्यता और क्षमता के लोगों के लिए खेल का आयोजन करते हैं, खिलाड़ियों के सार्वजनिक पहचान एवं असाधारण प्रदर्शन हेतु अवसर प्रदान करने की एक निर्णायक भूमिका अदा करते हैं।  

संत पापा ने सम्मेलन में भाग लेने वालों के सामने एक चुनौती को रखते हुए कहा, ″यहाँ एक चुनौती खेल की निष्ठा को बरकारार रखना तथा उसे हेरफेर एवं व्यावसायिक दुरुपयोग से बचाये रखना।″   

यह खेल तथा मानवता के लिए दुखद है कि यदि लोग खेल के परिणाम की सच्चाई पर विश्वास न कर पायें अथवा सनक और मोहभंग खेल के उत्साह एवं आनन्द को भगा ले तथा सहभागिता में उदासीनता आ जाए, संत पापा ने कहा कि जैसा खेल में होता है वैसा ही जीवन में भी, परिणाम की प्रतिस्पर्धा महत्वपूर्ण होती है किन्तु अच्छी तरह एवं ईमानदारी पूर्वक खेला गया खेल उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है। 








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