2016-10-06 17:11:00

खेल एक विश्वव्यापी भाषा है, बान कि मून


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 6 अक्तूबर 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार 5 अक्टूबर को वाटिकन में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान कि मून से मुलाकात की।

वाटिकन रेडियो से बातें करते हुए बान कि मून ने कहा, ″मैं संत पापा फ्राँसिस, वाटिकन तथा अंतरराष्ट्रीय ऑलम्पिक समिति को इस अर्थपूर्ण अवसर के आयोजन हेतु धन्यवाद देता हूँ। जहाँ लोग खेल द्वारा शांति एवं विकास को प्रोत्साहन देने के लिए प्रेरित होंगे। खेल एक विश्वव्यापी भाषा है। यह सभी राष्ट्रों की सीमाओं को पार कर सकता है। किसी भी जाति, राष्ट्रीयता एवं विभिन्न के परे जा सकता है। यह लोगों की शक्ति को संचालित कर सकता है तथा उन्हें विकास हेतु समर्पण के लिए प्रेरित कर सकता है। खेल के द्वारा एकता एवं एक साथ होने की भावना को अनुभव किया जा सकता है। इन सभी कारणों से संयुक्त राष्ट्रसंघ खेल के प्रति बहुत अधिक समर्पित है। खेल में विकास एवं शांति को बढ़ावा देने हेतु संयुक्त राष्ट्रसंघ ने 6 अप्रैल को विश्व खेल दिवस घोषित किया है, साथ ही साथ, एक विशेष दूत भी नियुक्त किया है।″

उन्होंने बतलाया कि संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय ऑलम्पिक समिति (आईओसी) ने एक मजबूत साझेदारी का निर्माण किया है जिसमें अब परमधर्मपीठ भी जुड़ रहा है। इस प्रकार तीनों मिलकर खेल के द्वारा शांति एवं विकास को एक मजबूत दिशा प्रदान करेंगे।  

प्रश्न: आपकी राय में, शांति और मेल-मिलाप को बढ़ावा देने में संत पापा फ्राँसिस की भूमिका कितना महत्वपूर्ण है?

प्रश्न के जवाब में बान कि मून ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस शांति के व्यक्ति हैं, एक दर्शन के व्यक्ति। वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी आवाज बुलन्द है। मैं उनके साथ काम करने में भाग्यशाली एवं सम्मानित महसूस करता हूँ। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब विश्व के नेता सतत् विकास हेतु 2030 की कार्यसूची का निर्माण कर रहे थे, तब संत पापा ने उनसे एक जोरदार अपील करते हुए विश्व, मानव तथा ग्रह के प्रति दूरदर्शिता पूर्ण प्रतिबद्धता का आग्रह किया था ताकि वे साझे द्वारा शांति और समृद्धि से जी सकें। संत पापा ने ही अपने प्रेरितिक पत्र ‘लाओदातो सी’ के माध्यम से पृथ्वी को हमारा आम घर की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा कि यह सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। 

अधिक मानवीय समाज के निर्माण में क्या कलीसिया एवं संयुक्त राष्ट्रसंघ एक साथ काम कर सकते हैं के जवाब में बान कि मून ने कहा कि संयुक्त राष्ट्रसंघ के घोषणा पत्र : शांति, मानवता एवं मानव के अधिकारों के प्रति सम्मान, की तरह ही परमधर्मपीठ अथवा ख्रीस्तीयों या अन्य सभी धर्मों का एक आम लक्ष्य, दृष्टिकोण एवं मूल्य है। खेल के द्वारा सतत् विकास को प्रोत्साहन दिया जा सकता है क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्रसंघ परमधर्मपीठ के साथ बहुत करीबी के साथ काम कर रहा है तथा अंतरराष्ट्रीय ऑलम्पिक समिति के साथ एक मजबूत साझेदारी बना चुका है। 








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