2016-10-05 15:45:00

पश्चिम बंगाल, संघीय सरकार ने कोलकाता के संट तेरेसा को श्रद्धांजलि दी


कोलकाता, मंगलवार, 4 अक्टूबर, 2016 (उकान) : संघीय सरकार ने एक भव्य समारोह में कोलकाता की संत तेरेसा को श्रद्धांजलि दी। रविवार 2 अक्टूबर को कोलकाता के नेताजी स्टेडियम में समारोही ख्रीस्तयाग का आयोजन किया गया था।

समारोही ख्रीस्तयाग के मुख्य अनुष्ठाता कोलकाता के महाधर्माध्यक्ष थोमस डीसूजा ने भारत और नेपाल के लिए प्रेरितिक राजदूत धर्माध्यक्ष सालवातोरे पेन्नाकयो, भारतीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल बसेलिओस क्लीमिस, सीरो-मालाबार कलीसिया के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जोर्ज अलेंचेरी, राँची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो, 49 धर्माध्यक्षों, 500 पुरोहितों,  1000 धर्मबहनों और वहाँ उपस्थित करीब 20 हजार से अधिक लोकधर्मियों और अतिथियों का स्वागत किया।

अपने प्रवचन के दौरान ने भारत के प्रेरितिक राजदूत धर्माध्यक्ष सालवातोरे पेन्नाकयो ने कहा, "संत तेरेसा करुणा की आदर्श हैं, जिन्होंने गरीब से गरीब लोगों की सेवा में और 'मानवता की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित किया था।"

वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, "हर भारतीय को मदर तेरेसा के संत बनने पर गर्व है उसके प्यार के संदेश ने दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रेरित किया है।"

भारत के उप-राष्ट्रपति ने संत तेरेसा की एक प्रसिद्ध प्रार्थना को उद्धत किया : ″मौन का फल प्रार्थना है, प्रार्थना का फल विश्वास है, विश्वास का फल प्रेम है, प्रेम का फल सेवा है और सेवा का फल शाँति है।″

नई दिल्ली महाधर्मप्रांत के सावरीमुथू पी. सरकार ने कहा, मदर तेरेसा हमारे युग की संत हैं। वे एक अद्वितीय कारिसम वाली धर्मबहन थी। लोगों ने उन्हें अनेक नामों से पुकाराः 'कोलकाता की दूत', 'गरीबों की चैंपियन', 'करुणा की आवाज', '' नाली की संत' आदि।

मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी’ धर्मसमाज की संस्थापिका संत तेरेसा को मानवता की सेवा के लिए अनेक अंतर्राष्ट्रीय सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त हुए। मानव कल्याण के लिए किये गए कार्यों की वजह से मदर तेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कई व्यक्तियों, सरकारों और संस्थाओं के द्वारा उनकी प्रशंसा की जाती रही है, यद्यपि उन्होंने आलोचना का भी सामना किया। 








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