2016-10-04 15:23:00

संत पापा फ्राँसिस की भारत यात्रा करीब- करीब निश्चित


रोम, मंगलवार, 4 अक्टूबर, 2016 (उकान) : संत पापा फ्राँसिस ने जोर्जिया और अजरबैजान की तीन दिवसीय प्रेरितिक यात्रा समाप्त कर रविवार 2 अक्तूबर को रोम वापस लौटते वक्त विमान में पत्रकारों को बताया कि वे 2017 में भारत, बांगलादेश और पुर्तगाल की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। भारत की य़ात्रा करीब-करीब निश्चित हो गई है।

संत पापा फ्राँसिस यदि भारत की प्रेरितिक यात्रा करेंगे तो वे सर्वव्यापी काथलिक कलीसिया के तीसरे परमाधिकारी होंगे।

पहली बार सन् 1964 ई. में संत पापा पौल षष्टम अंतरराष्ट्रीय युखरीस्तीय महासभा में भाग लेने मुम्बई गये थे। सन् 1986 में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने भारत की 10 दिवसीय पहली प्रेरितिक यात्रा में 14 शहरों का दौरा किया था। दूसरी बार सन् 1999 के नवम्बर महीने में उन्होंने नई-दिल्ली की यात्रा की थी। कट्टरपंथी हिन्दू प्रदर्शनकारियों ने इस यात्रा का विरोध किया था और मीडिया द्वारा प्रतिकूल टिप्पणियाँ की गई थीं।

 इस वर्ष के मार्च महीने में भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अधिकारियों ने कहा था कि उन्होंने संत पापा फ्राँसिस को भारत आने के लिए आमंत्रित किया हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से भी संत पापा को औपचारिक रूप से आमंत्रित करने के लिए आग्रह किया था।

परमधर्मपीठ के संलेख अनुसार चूकि संत पापा विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु और वाटिकन राज्य के प्रमुख हैं अतः उन्हें किसी देश की प्रेरितिक यात्रा के लिए उस देश की कलीसिया और सरकार द्वारा आमंत्रित किया जाना आवश्यक है।

संत पापा ने पत्रकारों को यह भी कहा कि वे 13 मई 2017 को फतिमा में मरियम के दर्शन के 100वीं वर्षगाँठ पर पुर्तगाल के लिए यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि वे अफ्रीका का दौरा करने का विचार कर रहे हैं पर  "यह वहाँ की राजनीतिक स्थितियों और युद्धों पर निर्भर करता है।"

उन्होंने यह भी कहा कि वे कोलंबिया की एक यात्रा पर विचार कर रहे हैं । वहाँ की सरकार और विद्रोहियों के बीच ऐतिहासिक शांति समझौते के बाद वहाँ की स्थिति के सामान्य होने का इन्तजार कर रहे हैं।

 50 मिनटों तक पत्रकारों के साथ हुए मुलाकात में संत पापा की यात्रा के योजनाकार फादर मौरिसियो  रुएदा बेल्ट्ज़ और  वाटिकन के प्रवक्ता ग्रेग बर्क भी उपस्थित थे।








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