2016-10-02 12:13:00

लिंग सिद्धान्त विवाह एवं परिवार पर "वैश्विक युद्ध" का हिस्सा, सन्त पापा फ्राँसिस


त्बिलीसी, रविवार, 02 अक्टूबर सन् 2016 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने शनिवार को जॉर्जिया में काथलिक समुदाय को पारम्परिक विवाह एवं परिवार के विरुद्ध जारी "वैश्विक युद्ध" के प्रति सचेत किया और कहा कि दोनों लिंग सिद्धान्त एवं तलाक के कारण ख़तरे में पड़े हैं।

काथलिकों के एक छोटे से समुदाय से मुलाकात के अवसर पर विवाह एवं परिवार पर सन्त पापा के विचार जानने की इच्छुक एक महिला के प्रश्न का जवाब देते हुए सन्त पापा ने कहा, "आज विवाह को नष्ट करने के लिये एक "वैश्विक युद्ध" छिड़ा है। यह युद्ध शस्त्रों से नहीं अपितु विचारों से लड़ा जा रहा है इसलिये हमें "वैचारिक उपनिवेशीकरण" से स्वतः का बचाव करना होगा।"

अतीत में सन्त पापा फ्राँसिस ने "वैचारिक उपनिवेशीकरण" शब्दावली का प्रयोग उन धनी राष्ट्रों की आलोचना के लिये किया था जो विकास सहायता को भ्रष्ट सामाजिक नीतियों, जैसे समलिंगकामियों के बीच वैवाहिक सम्बन्ध एवं गर्भनिरोधक आदि से जोड़ने का प्रयास करते हैं।

अपने परमाध्यक्षीय काल के आरम्भ से ही सन्त पापा फ्राँसिस सबके प्रति सहिष्णुता दर्शाने का आह्वान करते रहे हैं तथा समलिंगकामियों के विरुद्ध भेदभाव की निन्दा करते हैं तथापि एक स्त्री एवं एक पुरुष के बीच विवाह की पवित्रता को अक्षुण रखने का भी सन्देश देते रहे हैं। शनिवार को उन्होंने कहा, "विवाह ईश्वर द्वारा सृजित सर्वाधिक सुन्दर चीज़ है।" उन्होंने स्मरण दिलाया कि पवित्र धर्मग्रन्थ बाईबिल हमें सिखाता है कि ईश्वर ने एक शरीर होने के लिये ही पुरुष एवं स्त्री की रचना की है।

इसी अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने विवाह विच्छेद एवं तलाक पर भी चिन्ता व्यक्त की और कहा, "तलाक की बढ़ती स्वीकृति परिवार पर बना एक बड़ा ख़तरा है।"








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