2016-09-28 15:04:00

संत पापा : आध्यात्मिक मायूसी प्रार्थना से काबू में आयेगी, गोलियों या मद्यपान से नहीं


वाटिकन सिटी, बुधवार 28 सितम्बर 2016 ( सेदोक) : आध्यात्मिक मायूसी पर काबू पाने का मार्ग प्रार्थना और चुप्पी है। गोलियों या मादक पेय का सहारा लेकर हम इस संकट से बच नहीं सकते हैं। उक्त बातें संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार 27 सितम्बर को अपने प्रेरितिक आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते वक्त प्रवचन में कही।

संत पापा ने योब के ग्रंथ से लिये गये पहले पाठ के आधार पर योब के आध्यात्मिक मायूसी पर चिंतन करते हुए प्रवचन में कहा कि योब पर एक के बाद एक तबाही आई। उसने सबकुछ खो दिया तब भी उसने ईश्वर को नहीं धिक्कारा। उसने "पिता के सामने एक बेटे की भाँति अपने दुखों को खोल कर रख दिया। 

संत पापा ने कहा कि सबों को आध्यात्मिक मायूसी से होकर गुजरना पडता है। कुछ कम अनुभव करते हैं तो कुछ ज्यादा। आध्यात्मिक मायूसी में कुछ लोग निराश, हताश और जीने की तमन्ना ही खो बैठते हैं। उन्हें लगता है कि मायूसी और तनहाई में जीने की बजाय मर जाना ही सबसे अच्छा है।

संत पापा ने कहा,  हमें क्या करना चाहिए जब हमारे परिवार में त्रासदी  आती है या बीमारी आ जाती हैं। या पारिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा हो। ऐसी घड़ी में कुछ लोग सोने के लिए गोलियाँ खाते हैं। कुछ दुःख भूलने के लिए शराब का सहारा लेते हैं। संत पापा ने चेतावनी देते हुए कहा कि ये सारे तरीके उन्हें “मदद नहीं करते।" आज का पाठ हमें आध्यात्मिक मायूसी को काबू में करने का मार्ग दिखाता है। वह मार्ग है योब के समान ईश्वर के पास जोर जोर से प्रार्थना करना, अपने सारे दुःखों को ईश्वर के सामने रखना और तब तक प्रार्थना करना जब तक प्रभु सुन न ले।

संत पापा ने कहा कि आध्यात्मिक मायूसी से गुजर रहे व्यक्ति को उनके दोस्तों की चेतावनी भरे शब्द या भाषण नुकसान पहुँचा सकता है। इस परिस्थिति में उन्हें चुपचाप अपने दोस्त के निकट रहकर, उसे प्रेम से आलिंगन करते हुए सहारा देना चाहिए। उनके लिए प्रार्थना करनी चाहिए।

संत पापा ने प्रवचन के अंत में प्रभु से अपने आध्यात्मिक मायूसी को पहचानने की कृपा, आध्यात्मिक मायूसी पर काबू पाने की कृपा तथा आध्यात्मिक मायूसी और अन्य कष्ट सहते लोगों को सहारा देने की कृपा माँगने की प्रेरणा दी।








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