बेरूत, शनिवार, 24 सितम्बर 2016 (एशियान्यूज़): करीतास लेबनान के अध्यक्ष पौल काराम ने कहा कि स्थानीय जनता एवं शरणार्थियों के बीच ″सामाजिक संघर्ष″ होने का खतरा मंडरा रहा है जो जिहादी प्रभावित सीरिया एवं ईराकी क्षेत्रों में युद्ध से भागकर आये हैं। लोगों ने सब कुछ बेचना आरम्भ कर दिया है जिसके कारण सरकार कमजोर हो गयी है तथा बढ़ती समस्याओं से जूझ रहे लोगों की रक्षा एवं देखभाल करने में असमर्थ है।
उन्होंने एशियान्यूज़ से कहा कि काथलिक चैरिटी ने विगत चार सालों से उन परिवारों की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है जो सीरिया एवं अन्य जगहों से युद्ध से भागकर आयें हैं। उन्होंने कहा कि वे संत पापा के साथ करीतास कार्यकर्ताओं की एक सभा में भाग लेने रोम आ रहे हैं तथा बतलाया कि, ″हम लोगों को बताने जा रहे हैं कि वहाँ किस तरह की परिस्थिति है। हम संकटपूर्ण स्थिति के बारे बातें करने जा रहे हैं।″
करीतास लेबनान के अध्यक्ष ने कहा कि चार सालों से अधिक की इस अवधि में लेबनान ने करीब 1.6 लाख सीरियाई रूपया ही प्राप्त किया है जबकि संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े अनुसार पंजीकृत शरणार्थियों की संख्या 1.2 लाख है। जिसमें बागदाद, मोसुल तथा इरबिल से करीब 700 ख्रीस्तीय परिवारों एवं सीरिया से हज़ारों फिलीस्तिनियों को शामिल करना है उन सभी को मिलाकर एक ही देश में शरणार्थियों की कुल संख्या लगभग 4.4 लाख हो जाएगी जिसको संभालना निश्चय ही मुश्किल काम है।
उन्होंने कहा कि विश्व बैंक ने प्रकट किया है कि वे लेबनान की मदद हेतु विचार कर रहे है।
2011 में सीरियाई संघर्ष की शुरूआत के साथ ही यूरोपीयाई संघ ने एक अंतरराष्ट्रीय दानदाता के रूप में शरणार्थियों को सबसे पहले 800 लाख यूरो अनुदान दिया था। जिसका मुख्य उद्देश्य था शरणार्थियों की आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति में लेबनान के अधिकारियों की सहायता करना।
यूरोपीय संघ ने सीरियाई संघर्ष में पड़े लोगों की मदद हेतु विभिन्न स्रोतों से 6.6 करोड़ यूरो प्रदान किया है किन्तु संयुक्त राष्ट्र के अनुसार सीरिया में आपातकाल बढ़ता जा रहा है एवं करीब 13.5 लाख लोगों को तत्काल मदद की आवश्यकता है।
आपातकालिन स्थिति के बारे बातें करते हुए लेबनान के करीतास अध्यक्ष ने कहा कि लेबनान आंतरिक संघर्ष की गम्भीर जोखिम उठा रहा है। यदि संयुक्त राष्ट्र तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय सीरिया में संघर्ष विराम हेतु कोई उपाय यदि न करें तो स्थिति भड़क सकती है। गैरकानूनी रास्ते से शरणार्थियों द्वारा सीमा पार करना तनाव में इंधन का काम कर सकता है। फादर पौल ने कहा कि स्थानीय समुदाय के लोग भोजन एवं मदद सामग्रियों को शरणार्थियों के लिए जाते देख रहे हैं जबकि वे गरीब होते जा रहे हैं। देश के कुछ हिस्सों में लोग गरीबी रेखा के नीचे जी रहे हैं इस प्रकार स्थानीय लोगों एवं शरणार्थियों दोनों के बीच गरीबी की समस्या बढ़ रही है।
उन्होंने लेबनान की कलीसिया से आग्रह किया कि तनाव की जोखिम को कम करने के लिए वह मध्यस्थ बने।
करीतास के अध्यक्ष के अनुसार भोजन, सहायता अथवा रूपये की अपेक्षा अधिक आवश्यक है सीरिया में संघर्ष को रोकना।
All the contents on this site are copyrighted ©. |