2016-09-16 16:10:00

ख्रीस्त के पुनरुत्थान पर विश्वास


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 16 सितम्बर 2016 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन के अपने निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में प्रातःकालीन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए अपने प्रवचन में कहा कि हमारे लिए अतीत की बातों में विचार-विमार्श करना आसान होता है क्योंकि हम इसे अपनी आंखों से देखते और अपने लिए ठोस पाते हैं। इसके विपरीत भविष्य की ओर हमारा ध्यान हमारे लिए उतना रुचिकर नहीं होता क्योंकि हम इसे कठिन पाते हैं।

उन्होंने कहा कि अतीत और वर्तमान एक सहज तर्क है। भविष्य का तर्क जहाँ सब मृत्यु को प्राप्त करेंगे हमारे लिए सहज लगता है लेकिन आने वाला कल हमारे लिए कठिन होता है। इसके बारे में संत पौलुस चर्चा करते हुए आज कहते हैं आने वाला कल हमारा कैसा होगा? यह हमारा ध्यान येसु के पुनरुत्थान की ओर करता है। वे मृतकों में से जी उठे हैं और हमारे साथ उपस्थिति है। संत लुकस अपने सुसमाचार में इसका जिक्र करते हुए कहते हैं, “प्रेत के हाँड़-माँस नहीं होते आप उनका स्पर्श कर देखें।” हम शरीर के द्वारा अपने आने वाले कल के तर्क में प्रवेश करते हैं।

हम आश्चर्य करते हैं कि आसमान कैसा होगा, क्या हम सभी उस स्थान पर पहुँचेंगे? इस तरह हम पौलुस के उस तर्क तक नहीं पहुँच पाते जब हम सोचते हैं कि सारी चीजें आध्यात्मिक रुप में ही रहेंगी और हमें शरीर के रुप से भय होता है। संत पापा ने कहा कि हमें येसु के शरीर के तर्क में प्रवेश करनी की जरूरत है जो कि आने वाले कल के तर्क हैं जो हमारे लिए कठिन लगता है। हम सभी येसु की तरह अपने शरीर में पुनर्जीवित होगें।

उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक ख्रीस्तीय येसु के पुनरुत्थान पर सवाल करते थे जो विश्वास पर आधारित है जो हमें करुणा के कार्य करने की मांग करता है। उन्होंने कहा कि हम पवित्र आत्मा से  विश्वास की कृपा माँगें जिससे हमें अपने जीवन में पुनरुत्थान के रहस्य को समझ सकें। 








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