2016-09-14 15:58:00

ईश्वर का हमारे लिए निमंत्रण


वाटिकन सिटी, बुधवार 14 सितम्बर 2016 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत प्रेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में जमा हुए हज़ारों विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को अपनी धर्मशिक्षा माला के दौरान संबोधित करते हुए कहा

प्रिय भाइयो एवं बहनो सुप्रभात,

करूणा की जयंती वर्ष में हमने कई बार येसु के अतुल्य करुणा और अच्छाई के बारे में चिंतन किया है। आज हम येसु के उन वचनों पर मनन चिंतन करेंगे जहाँ वे लोगों अपने पास बुलाते हुए कहते हैं, “थके माँदे और बोझ से दबे हुए लोगों तुम सब के सब मेरे पास आओ मैं तुम्हें विश्राम दूँगा। मेरा जुआ अपने ऊपर ले लो और मुझसे सीखो मैं स्वभाव से नम्र और विनीत हूँ।” (मत्ती.11

संत पापा ने कहा कि येसु हमें निमंत्रण देते हुए कहते हैं जो अपने जीवन में हताश और निराश हैं, वे जो गरीब हैं और दुनिया के शक्तिशाली परिस्थितियों के मध्य अपने को छोटा, एकदम असहाय-सा पाते हैं तुम सब मेरे पास आओ। येसु दीन दुःखियों, गरीबों और जीवन से थके लोगों को अपने पास आने का निमंत्रण देते क्योंकि वे उन्हें एक मात्र सहारा के रुप में पाते हैं। अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों, और बेबस क्षणों में वे ईश्वर की करुणा पर विश्वास करते क्योंकि येसु उन्हें प्रतिज्ञा करते हैं कि वे उन्हें अपनी सांत्वना और अपनी शक्ति से भर देंगे।

करुणा के इस जयंती वर्ष में विश्व के लोगों करुणा के पवित्र द्वार में प्रवेश करते हुए मुक्ति की खोज कर रहें हैं। करुणा के द्वार में प्रवेश करते हुए हम ईश्वर के प्रेम का एहसास करते हैं जो दुनिया में व्याप्त है जो दुनिया में किसी भी मानवीय बुराई से अधिक शक्तिशाली है।

इस तरह हमारा विश्वास जिसके द्वारा हम उनके पास आते और अपने जीवन की सारी मुसीबतों और तकलीफों को उन्हें समर्पित कर देते तो वे हमें अपनी असीम करुणा से भर देते हैं। इस तरह हम उनके हल्के जुआ का एहसास करते और उनके साथ एक संबंध में प्रवेश करते हुए उनके मुक्तिदायी रहस्य का अनुभव करते हैं।

येसु जो दुनिया के सारे दुःखों को अपने ऊपर ले लेते हैं हमें मुक्ति का मार्ग बतलाते हैं। उनके जीवन के दुःख तकलीफों में सहभागी होते हुए हम उनकी योजना को समझने में सक्षम होते और अपने जीवन की तकलीफों को वहन करने के योग्य बनते हैं। यह येसु में हमें धैर्य प्रदान करती और हम उनके मुक्ति विधान योजना में शामिल होते हैं क्योंकि येसु ने स्वयं नम्रता और दीनता में अपने को दुनिया के लिए दे दिया। वे हमें अपने सेवा के कार्य को जीवन में आत्मसात करने हेतु आहृवान करते हैं।

संत पापा ने कहा प्रिय भाई एवं बहनों अपने जीवन में थकान और निराशा के बावजूद हम न डरें क्योंकि ईश्वर में हमारी आशा कभी बेकार नहीं जायेगी। आइए हम येसु के पास आते हुए उनमें विश्वास करें, उनके साथ आराम करते हुए खुशी पूर्वक उनकी सेवा करें।  

इतना कहने के बाद संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा माला समाप्त की और सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए कहा क्रूस विजय महोत्सव के अवसर पर मैं आप सबों के लिए प्रार्थना करता हूँ कि ईश्वर आप सबों को नये जीवन से भर दे और तत्पश्चात उन्होंने सभों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया। 








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